'राजनीति में बने रहने के लिए खुद को साबित करना होगा' : हमादुल्लाह
नई दिल्ली, 22 मई (आईएएनएस)। कांग्रेस सांसद हमादुल्लाह सईद महज 26 साल के हैं और 15वीं लोकसभा में सबसे कम उम्र के सदस्य हैं। उनका कहना है कि किसी को भी राजनीति में बने रहने के लिए काम करना और खुद को साबित करना होता है।
हमादुल्लाह कांग्रेस के दिवंगत नेता पी.एम. सईद के पुत्र हैं। वह भी अपने पिता की परंपरागत सीट लक्षद्वीप से चुनकर संसद पहुंचे हैं। यहां से उनके पिता लगातार 10 बार सांसद चुने गए थे। हालांकि वर्ष 2004 में उन्हें मात्र 73 मतों से हार का सामना करना पड़ा था। उनके पिता भी 26 साल की उम्र में पहली बार सांसद बने थे।
आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में हमादुल्लाह ने कहा, "राजनीति में बने रहने के लिए आपको काम करना पड़ता हैं और खुद को साबित करना होता है। राजनीतिक विरासत आपको एक मंच मुहैया करा सकती है लेकिन अगर आप काम नहीं करते हैं तो अगली बार लोग आपको वोट नहीं देंगे। राजनीति में हर व्यक्ति के पास काम करने की क्षमता होनी चाहिए।"
यह पूछे जाने पर कि किस बात ने उन्हें राजनीति आने के लिए प्रेरित किया तो उन्होंने कहा, "मेरे पिता की हार के बाद मैने लक्षद्वीप में लोगों की पीड़ा देखी और इसी ने मुझे राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया।"
पुणे स्थित भारतीय विधि विद्यालय से स्नातक हमादुल्लाह कहते हैं, "लोगों ने मुझ पर जो विश्वास जताया है, उस पर खरा उतराना मेरे लिए सबसे अहम है। मैं इस सीट को फिर से कांग्रेस को देना चाहता था।"
हमादुल्लाह आठ भाई-बहनों में सातवें नंबर पर हैं। उन्होंने दिल्ली में सुब्रतो पार्क स्थित एयर फोर्स गोल्डेन जुबली स्कूल से शुरुआती तालीम हासिल की है। वह कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को दूरदर्शी और बहुआयामी नेता मानते हैं।
वह अभी अविवाहित हैं। वह कहते हैं उनकी कोई मित्र नहीं है और निकट भविष्य में शादी का उनका कोई इरादा भी नहीं है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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