पाक को अमेरिकी सहायता का इस्तेमाल परमाणु हथियारों पर नहीं: हिलेरी
सीनेट की एक समिति की बैठक में बुधवार को पाकिस्तान द्वारा परमाणु हथियार के भंडार में इजाफा करने का मसला डेमोकेट्र पैट्रिक लेही ने उठाया। उन्होंने जानना चाहा था कि अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को अल कायदा और तालिबान से मुकाबले के लिए दी जा रही सहायता का इस्तेमाल क्या उसके परमाणु हथियार कार्यक्रम पर खर्च हो रहा है?
हिलेरी ने कहा,"ऐसा मानने की कोई वजह नहीं है कि हमारे द्वारा उपलब्ध कराई गई धनराशि का इस्तेमाल परमाणु कार्यक्रम में हो रहा है।" उन्होंने कहा कि अमेरिका पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के भंडार की हिफाजत में सहायता देने को तैयार है।
उन्होंने कहा, "हमें पाकिस्तानी सेना और सरकार ने आश्वासन दिया है कि अपने देश के परमाणु हथियारों के भंडार पर इस समय उनका नियंत्रण है और हमें उन्हें इन हथिारों की सुरक्षा में किसी भी तरह की मदद करने की पेशकश की है।"
हिलेरी ने कहा,"मुझे तत्काल कोई खतरा नहीं महसूस हो रहा लेकिन इसे निश्चित तौर पर गंभीरता से लिए जाने की जरूरत है।"
उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब वाशिंगटन के विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा संस्थान की ओर से जारी रिपोर्ट में पाकिस्तान पर आरोप लगाया है कि वह अपने परमाणु हथियारों के भंडार में इजाफा कर रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उपग्रह से मिली तस्वीरों से पता चलता है कि डेरा गाजी खान के समीप पाकिस्तान के प्रमुख सैन्य और असैन्य ईंधन चक्र का विस्तार हो रहा है।
हिलेरी ने कहा कि जबसे उन्होंने तालिबान से निपटने में पाकिस्तान सरकार की अक्षमता या अनिच्छा होने की बात कही है तभी से पाकिस्तान में नाटकीय बदलाव हुए हैं।
हिलेरी ने कहा कि उनके पिछले महीने के बयान के बाद सब कुछ बदल गया है और अब पाकिस्तानी सेना तालिबान द्वारा हथियाए गए इलाके पर दोबारा कब्जा करने के लिए हरसंभव उपाय कर रही है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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