खादिम के मालिक के अपहरणकर्ताओं को आजीवन कारावास (लीड-1)
सजा सुनाते हुए अलीपुर के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश बिस्वरूप बंद्योपाध्याय ने 17 अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव में रिहा कर दिया।
लोक अभियोजक नबा घोष के मुताबिक सजा पाने वालों में अंसारी के अलावा हैप्पी सिंह, अकीब अली, अब्दुर्रहमान पुंजी और असाबुद्दीन शामिल हैं।
अभियुक्तों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 364 ए के तहत दोषी ठहराया गया। उन्हें फिरौती के लिए अपहरण करने, उसका षडयंत्र रचने और गलत तरीके से बंदी रखने का दोषी करार दिया गया।
मुख्य साजिशकर्ता अंसारी को 2002 में यहां अमेरिकन सेंटर पर हमले के बाद दुबई में गिरफ्तार कर यहां लाया गया था। उसे उस मामले में पहले ही मौत की सजा सुनाई जा चुकी है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार बर्मन का 25 जुलाई 2001 को उस समय अपहरण कर लिया गया था जब वह अपनी फैक्टरी जा रहे थे। उन्हें हावड़ा जिले में पाकुडिया गांव में बंदी बनाकर रखा गया था।
बर्मन दो अगस्त 2001 को घायल अवस्था में अपने घर लौट आए थे। उनके परिजनों ने उनकी रिहाई के लिए 3.75 करोड़ रुपये दिए थे।
तीन अन्य आरोपी बार गायिका स्वाति घोष, बबलू जाफर और नूर अहमद मुल्ला इस माामले में सरकारी गवाह बन गए थे।
सुनवाई के दौरान बर्मन ने एक आडियो टेप में अपनी ही आवाज पहचानने से इंकार कर दिया था जिसके बाद उन्हें अभियोजन पक्ष ने उन्हें 'होस्टाइल' घोषित कर दिया था। टेप उस समय का था जब वह अपहरणकर्ताओं की गिरफ्त में थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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