राज ठाकरे मेरा दुश्मन: बाल ठाकरे
लोकसभा चुनाव के पहले मनसे और शिवसेना के बीच मधुर संबंध स्थापित होने लगे थे। इसकी झलक बाल ठाकरे के जन्म दिन पर तब देखने को मिली जब राज ठाकरे उनके घर उन्हें बधाई देने गये। उस समय ऐसा लग रहा था कि मनसे और सेना एक बार फिर एक होने की कगार पर हैं, लेकिन चुनाव परिणामों ने समीकरण पूरी तरह उलट दिये।
'मराठी का दुश्मन, मेरा दुश्मन'
बाल ठाकरे मानते हैं कि मुंबई और ठाणे में शिव सेना और भाजपा गठबंधन के वोट कटने का सबसे बड़ा कारण मनसे है। अब बाल ठाकरे अपने भतीजे से कोई रिश्ता नही रखना चाहते हैं। बाल ठाकरे ने कहा, "कोई भी व्यक्ति जो मराठी का दुश्मन होगा वह मेरा भी दुश्मन होगा।" असल में मनसे मुंबई में शिवसेना के पारंपरिक वोट में सेंध लगाने में कामयाब हुई थी।
उधर राज ठाकरे से रिश्ते तोड़ने के बाल ठाकरे के फैसले पर मनसे नेताओं ने कोई भी प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया। पार्टी उपाध्यक्ष वी सारस्वत का कहना है कि यह चाचा-भतीजे के बीच का मामला है और इस पर किसी अन्य व्यक्ति को टिप्पणी करने का अधिकार नहीं।