राजपक्षे ने गृह युद्ध समाप्ति की घोषणा की, प्रभाकरन का शव मिला (लीड-3)
सेना प्रमुख जनरल फोंसेका की ओर से प्रभाकरन के शव की शिनाख्त की घोषणा से चंद घंटे पहले प्रभाकरन के जीवित होने का दावा किया गया था।
इससे पहले राजपक्षे ने मंगलवार को संसद को संबोधित करते हुए कहा कि वह लिट्टे के खिलाफ युद्ध में फतह हासिल होने के बाद राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने अपने भाषण में प्रभाकरन का कोई उल्लेख नहीं किया।
उन्होंने कहा, "आज हम पूरे देश को लिट्टे के आतंकवाद से मुक्ति दिलाने में कामयाब हुए हैं। हम दुनिया के सबसे दुर्दात आतंकवादी संगठनों में से एक को नेस्तनाबूद करने में कामयाब हुए हैं।"
राष्ट्रपति ने कहा कि वे युद्ध को अल्पसंख्यक तमिलों के साथ जातीय समस्या का अंतिम समाधान नहीं मानते। उन्होंने कहा कि वह एक एक ऐसे राजनीतिक समझौते की पेशकश करेंगे जो सबको स्वीकार्य हो। उन्होंने किसी अन्य देश की ओर से समाधान के प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
राजपक्षे ने कहा कि लिट्टे के खिलाफ युद्ध तमिल समुदाय की हार नहीं है। उन्होंने कहा, "तमिल भाषियों समेत सभी लोगों की हिफाजत मेरी जिम्मेदारी और कर्तव्य है।"
राजपक्षे ने कहा, "देश छोड़कर चले गए सभी तमिलों से मैं लौट आने का आह्वान कर रहा हूं।" राजपक्षे ने इस बात से इंकार किया कि श्रीलंका में सिंहलियों और अल्पसंख्यक तमिलों में कोई जातीय तनाव है। उन्होंने कहा, "देश में कोई अल्पसंख्यक समुदाय नहीं है।"
राजपक्षे ने हाल की लड़ाई में बेघर हुए करीब 250,000 लोगों के पुनर्वास का भी संकल्प लिया।
उन्होंने कहा "हमारा लक्ष्य तमिलों को लिट्टे के शिकंजे से मुक्त कराना था। मासूम तमिल नागरिकों की हिफाजत के लिए हमारे सैनिकों ने प्राणों की आहूति दी।"
उन्होंने कहा, "लिट्टे को परास्त करके हासिल की गई जीत हमारे मुल्क, हमारी मातृभूमि की जीत है।"
तमिल में दिए इस भाषण में राजपक्षे ने लिट्टे प्रमुख वेल्लुपिल्लइ प्रभाकरन की मौत का कोई उल्लेख नहीं किया।
राजपक्षे ने कहा, "सभी को समान अधिकार मिलने चाहिए। सभी को निर्भय होकर जीना चाहिए। मेरी भी यही इच्छा है। आइए हम सब एकजुट होकर इस स्वतंत्र राष्ट्र का निर्माण करे। आज हम अपने देश को लिट्टे की बेड़ियों से आजाद करने में कामयाब रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "हम हमेशा से स्वतंत्र राष्ट्र रहे हैं और हम सदैव घुसपैठ के खिलाफ संघर्षरत रहे हैं।"
लिट्टे का जिक्र करते हुए राजपक्षे ने कहा, "उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जैसे शीर्ष राजनेताओं और हमारे महान रक्षा मंत्री की हत्या की..लिट्टे बड़े आतंकवादी संगठनों में से एक था और उसे दुनिया के सबसे ताकतवर संगठनों में से एक माना जाता था।"
उन्होंने कहा, "उनका अपना प्रशासन, अपना पुलिस स्टेशन और अपनी अदालतें थीं। वे बहुत ज्यादा धन का इस्तेमाल करते थे जिसका आकलन किया जाना अभी बाकी है। हमारी सेनाएं इन ताकतों को नेस्तनाबूद करने में कामयाब रहीं।"
राजपक्षे ने कहा कि उनके देश ने पूरी दुनिया के सामने एक मिसाल पेश की है। उन्होंने कहा, "अपने देशवासियों से हम कैसा व्यवहार करें इसके लिए हमें दूसरे देशों से सलाह लेने की कोई जरूरत नहीं है।"
इसी बीच, सेना के दावे को खारिज करते हुए लिट्टे के अंतर्राष्ट्रीय मामलों के प्रमुख पथमनाथन ने कहा कि प्रभाकरन सुरक्षित हैं। लिट्टे समर्थक वेबसाइट 'तमिल नेट' ने इस संबंध में जानकारी दी।
पथमनाथन ने कहा, "मैं तमिल समुदाय को बताना चाहता हूं कि हमारे प्रिय नेता प्रभाकरन जीवित और सुरक्षित हैं। वह तमिलों की स्वतंत्रता और उनकी प्रतिष्ठा के लिए संघर्ष करते रहेंगे।" लिट्टे ने सरकार पर मानवता के विरुद्ध अपराध करने का आरोप भी लगाया।
वेबसाइट में कहा गया है कि सेना की 58वीं डिवीजन के सैनिकों ने लिट्टे के दो नेताओं पी. नदेसन और एस. पुलिदेवन को उस समय मार गिराया जब वे निहत्थे थे और उन्होंने हाथ में सफेद झंडे थाम रखे थे तथा वे युद्ध समाप्त कराने के लिए बातचीत करने के लिए आगे बढ़ रहे थे।
राजपक्षे के भाषण के बाद लोगों ने पटाखे छुड़ाए और राष्ट्रीय ध्वज लहराए।
सरकार ने बयान जारी कर जनता से जीत की खुशी में अपने घरों पर संस्थानों पर ध्वज लहराने को कहा है।
इस बीच सरकारी टीवी पर स्ट्रेचर पर रखे प्रभाकरन के शव की तस्वीरें दिखाई गई हैं।
रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी बयान में सेना प्रमुख फोंसेका ने कहा है कि प्रभाकरन का शव कुछ ही समय पहले मिला।
वेबसाइट के अनुसार "प्रभाकरन ने आखिरी दम तक अपनी जान बचाने की कोशिश की।"
बयान के अनुसार, "लिट्टे प्रमुख का शव मेजर जनरल कमल गुनारत्ने के नेतृत्व में 53 डिवीजन के सैनिकों ने खोजा।"
लिट्टे ने 25 वर्षो से ज्यादा अर्से तक श्रीलंका में संघर्ष जारी रखा। इस गृहयुद्ध में 90,000 से ज्यादा लोग मारे गए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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