लिट्टे का खात्मा जंग-ए आजादी के नए दौर का आगाज भर : तमिलवंशी
टोरंटो, 19 मई (आईएएनएस)। तमिल विद्रोही संगठन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) का खात्मा जंग-ए आजादी के एक नए दौर की शुरुआत भर है। यह घोषण कनाडियन तमिल कांग्रेस ने सोमवार को यहां की।
लिट्टे के प्रमुख नेताओं की मौत की पुष्टि करते हुए दुनिया में तमिलवंशियों की सबसे बड़ी प्रतिनिधि संस्था ने कहा कि यूरोप और आस्ट्रेलिया की सभी तमिल प्रतिनिधि पार्टियां मंगलवार को अपनी भावी कार्रवाई की घोषणा करेंगी।
कनाडियन तमिल कांग्रेस के नेता एवं प्रवक्ता डेविड पूपलापिल्लई ने आईएएनएस को बताया, "युद्ध क्षेत्र में हमारे सूत्रों ने लिट्टे के प्रमुख नेताओं की मौत की पुष्टि की है लेकिन प्रभाकरन के बारे में अलग से पुष्टि नहीं की गई है। हमारे सूत्रों का कहना है कि श्रीलंका की सेना गोलाबारी जारी रखे है। श्रीलंका दुनिया से झूठ बोल रहा है कि लड़ाई समाप्त हो चुकी है।"
पूपलापिल्लई ने कहा कि उन्हें कोलंबो और अन्य स्थानों से लगातार तमिल फोन पर संपर्क कर रहे हैं और एसएमएस भेज रहे हैं कि सिंहलियों की भीड़ उन्हें बेइज्जत कर रही है।
उन्होंने बताया, "कोलंबो के कई इलाकों में सिंहलियों की भीड़ घर-घर जाकर तमिलों को राष्ट्रीय ध्वज लहराने पर बाध्य कर रही है। हमें अभी-अभी खबर मिली है कि एक हिंदू पुजारी को भीड़ घसीट कर ले गई और नृत्य करने के लिए विवश किया। शालीनता कहां गई?"
तमिल नेता ने कहा, "मेरे अल्फाज याद रखना। यह सोमवार हमारी जंग-ए आजादी के तीसरे दौर का आगाज है। 60 साल पहले श्रीलंका के स्वतंत्र होने के 35 साल बाद तक हमने शांतिपूर्ण, गांधीवादी तरीके से संघर्ष किया लेकिन कुछ हाथ न लगा।"
उन्होंने कहा,"दूसरे चरण में लिट्टे ने 25 साल तक सशस्त्र संघर्ष जारी रखा और हमारे मिशन को अंतर्राष्ट्रीय बना दिया। आजादी का लक्ष्य हासिल करने के लिए यह सोमवार हमारे तीसरे और आखिरी चरण की शुरूआत है।"
पूपलापिल्लई ने कहा, "तमिलवंशी इस चरण को आगे बढ़ाएंगे। अब हम श्रीलंकाई तमिलों की आवाज हैं।" तीसरे चरण में अपनाए जाने वाले साधनों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि वह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की मदद से राजनीतिक तरीके अपनाएंगे।
उन्होंने कहा, "हम जानते हैं कि श्रीलंका से कैसे घुटने टिकवाए जाए। हम अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में जाएंगे और पश्चिमी देशों और कंपनियों से उसका बहिष्कार सुनिश्चित कराएंगे।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।