संप्रग सरकार को बिना शर्त बाहर से समर्थन देगी बसपा (लीड-1)
लखनऊ स्थित बसपा कार्यालय में मंगलवार को पार्टी का अखिल भारतीय अधिवेशन शुरू होने से पहले मायावती ने मंच से कहा कि बसपा देश में सांप्रदायिक ताकतों को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसे में बसपा ने फैसला किया है कि वह कांग्रेस की अगुवाई वाली धर्मनिरपेक्ष संप्रग सरकार को बिना शर्त बाहर से समर्थन देगी।
मायावती ने कहा कि संप्रग सरकार को समर्थन देने का फैसला पार्टी की संसदीय दल की बैठक के बाद किया गया है।
उन्होंने कहा, "16 मई को नतीजे आने के बाद मैंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को फोन करके बधाई दी थी। उस समय प्रधानमंत्री ने मुझ्झे अपनी छोटी बहन कहते हुए केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली धर्मनिरपेक्ष सरकार के गठन को लेकर सकारात्मक रुख अपनाने की अपील की थी।"
उन्होंने कहा कि समर्थन की एक-एक प्रति राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल और संप्रग अध्यक्ष सोनिया के पास ले जाने के लिए बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा को अधिकृत किया गया है।
मायावती ने कहा, "हमें पता है कि संप्रग सरकार पूर्व कि भांति न तो उत्तर प्रदेश के लिए कोई विशेष आर्थिक पैकेज देने वाली है और न ही देश के गरीबों के लिए कुछ खास कदम उठाने वाली है लेकिन धर्मनिरपेक्ष ताकतों को मजबूत करने के लिए उन्होंने संप्रग को समर्थन देने का फैसला किया है।"
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जैसी सांप्रदायिक पार्टियों को कमजोर करने के लिए उनकी पार्टी संप्रग को समर्थन दे रही है।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने बेहतर प्रदशर्न करते हुए 21 सीटों पर जीत हासिल की है। जबकि बसपा को आशा के अनुरूप सफलता नहीं मिली। बसपा 40 सीटों पर जीत दर्ज करने की दावा कर रही थी लेकिन उसे केवल 20 सीटों पर ही सफलता मिली।
इससे पहले, कांग्रेस की ओर से संकेत दे दिए गये हैं कि वह न तो सपा का समर्थन लेगी और न ही बसपा का।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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