प्रभाकरन और उसके करीबी साथी मारे गए
सेना के एक अधिकारी ने बताया कि 54 वर्षीय प्रभाकरन लिट्टे की खुफिया इकाई के प्रमुख पोट्टु अम्मान और समुद्री इकाई के प्रमुख सोसाइ के साथ एक वैन और एक एंबुलेंस के काफिले में जा रहा था तभी मुल्लइतिवू में सेना ने उस काफिले पर हमला कर दिया।
प्रभाकरन की मौत के खबर मिलते ही राजधानी कोलंबो और सिहंली बहुल मध्य और दक्षिणी प्रांतों के लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज लहराए और मिठाइयां बांटकर खुशियां मनानी शुरू कर दीं।
प्रभाकरन की मौत से कुछ ही समय पहले सेना ने उसके पुत्र चार्ल्स एंथनी समेत लिट्टे के कई प्रमुख नेताओं का शव बरामद किया। एंथनी लिट्टे की सूचना प्रौद्योगिकी इकाई का प्रमुख था और उसे अपने पिता का उत्तराधिकार संभालने के लिए तैयार किया जा रहा था।
प्रभाकरन ने लिट्टे की स्थापना 1976 में की थी और उसे इतना ताकतवर सैन्य संगठन बनाया कि एक दौर में श्रीलंका के तटीय इलाके के दो-तिहाई हिस्से पर उसी का अधिपत्य था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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