'भारत-अमेरिका संबंधों की गर्माहट में रुकावट बन सकता है पाक'
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता रॉबर्ट गिब्स ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा, "ओबामा भारत सरकार के साथ काम करने और दोनों देशों के बीच रिश्तों को और मजबूत करने के इच्छुक हैं।"
गिब्स ने कहा, "अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत को ऐतिहासिक चुनाव के लिए बधाई दी है।" उन्होंने कहा कि चुनाव में भारत की जनता द्वारा वहां की समृद्धि और लोकतंत्र की बुनियाद को मजबूत करने की उपलब्धि को वह स्वीकार करते हैं।
दक्षिण एशियाई मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार की वापसी भारत-अमेरिका संबंधों के भविष्य के लिए बेहतर है। परंतु विशेषज्ञ पाकिस्तान को दोनों देशों के संबंधों के मार्ग में एक बड़ी रुकावट के रूप में देखते हैं।
'द हेरीटेज फाउंडेशन' की वरिष्ठ शोधार्थी लीसा कर्टिस कहती हैं, "प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नजरिया रहा है कि भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूती प्रदान करना उनकी प्राथमिकता है और इसमें बदलाव की संभावना भी नहीं है।"
लीसा का कहना है, "अगर अमेरिका पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को लेकर भारत की चिंताओं को कम करके देखता है तो नई दिल्ली इससे परेशान हो सकता है और ऐसे में दोनों देशों के बीच आवश्यक परस्पर विश्वास में कमी भी हो सकती है।"
खुफिया कंपनी 'स्ट्रेटफोर' की निदेशक रीवा भल्ला कहती हैं, "भारत और अमेरिका में पाकिस्तान सबसे बड़ी रुकावट इस वजह से हो सकता है क्योंकि वह दिन-प्रतिदिन और भी अस्थिर होता जा रहा है। ऐसे में अमेरिका को भारत और पाकिस्तान के साथ संतुलन बनाए रखने में खासी दिक्कत हो रही है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।