नेहरू के बाद कार्यकाल पूरा कर सत्ता में दोबारा लौटने वाले मनमोहन पहले प्रधानमंत्री

By Staff
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नई दिल्ली, 16 मई (आईएएनएस)। आम चुनाव में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की वापसी के साथ ही मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री का कार्यकाल पूरा कर दोबारा सत्ता में लौटने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं।

स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस ने 1951, 1957 और 1962 के लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज कराई थी।

वर्ष 1964 में नेहरू की मौत के बाद लाल बहादुर शास्त्री देश के प्रधानमंत्री बने थे। वर्ष 1965 में भारत व पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध के बाद ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद वर्ष 1966 में पद पर रहते हुए शास्त्री की मौत हो गई थी।

उसके बाद सरकार में तत्कालीन सूचना व प्रसारण मंत्री इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री का पद संभाला था और 1967 के चुनाव में उनके नेतृत्व में कांग्रेस की जीत हुई थी।

गांधी ने वर्ष 1971 में एक वर्ष पहले ही आम चुनाव की घोषणा कर दी थी और एक निर्णायक जनादेश के साथ चुनाव में जीत दर्ज कराई थी। चार वर्ष बाद इंदिरा गांधी की जीत को चुनौती देने वाली विपक्ष की एक याचिका पर अदालत ने उनके खिलाफ फैसला दे दिया था। ऐसे में पद से इस्तीफा देने की नौबत आने पर गांधी ने वर्ष 1975 में देश में आपातकाल की घोषणा कर दी थी। इस कारण वर्ष 1976 में प्रस्तावित आम चुनाव नहीं हो पाया था।

इंदिरा गांधी ने वर्ष 1977 में आपातकाल उठा लिया। उसके बाद हुए आम चुनाव में जनता पार्टी की भारी जीत हुई थी।

लेकिन यह प्रयोग दो वर्ष के बाद ही विफल हो गया। वर्ष 1980 के चुनाव में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने फिर जीत दर्ज कराई।

वर्ष 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई। उसके बाद उनके बेटे राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली। उन्होंने उसी वर्ष समय पूर्व आम चुनाव की घोषणा कर दी। कांग्रेस को भारी बहुमत से जीत हासिल हुई।

लेकिन बोफोर्स तोप सौदे में दलाली के मामले के कारण वर्ष 1989 के आम चुनाव में कांग्रेस को पराजय का मुंह देखना पड़ा। जनता दल के नेता विश्वनाथ प्रताप सिंह प्रधानमंत्री बने। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और वामपंथी पार्टियों का उनकी सरकार को बाहर से समर्थन था। लेकिन आडवाणी की रथयात्रा को लेकर भाजपा ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया और सरकार गिर गई।

उसके बाद कांग्रेस के समर्थन से चंद्रशेखर मात्र 100 दिनों के लिए प्रधानमंत्री बने।

वर्ष 1991 में आम चुनाव के दौरान राजीव गांधी की हत्या कर दी गई। सहानुभूति की लहर के कारण कांग्रेस को चुनाव में भारी जीत हांसिल हुई। पी.वी.नरसिंहा राव प्रधानमंत्री बने और उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया। लेकिन वर्ष 1996 के चुनाव में कांग्रेस फिर सत्ता से बाहर हो गई।

भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आई और अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने। लेकिन बहुमत के अभाव में 13 दिन के भीतर ही सरकार गिर गई।

उसके बाद संयुक्त मोर्चा की सरकार बनीं और एच.डी.देवेगौड़ा और उसके बाद आई.के.गुजराल प्रधानमंत्री बने। लेकिन दो वर्षो के भीतर ही गठबंधन टूट गया और वर्ष 1988 में आम चुनाव हुआ।

अटल बिहारी वाजपेयी दोबारा प्रधानमंत्री बने। लेकिन एक वर्ष के बाद भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन टूट गया और सरकार गिर गई। लेकिन वर्ष 1999 के आम चुनाव में भाजपा सत्ता में लौट आई। लेकिन वर्ष 2004 के चुनाव में भाजपा गठबंधन को पराजय का मुंह देखना पड़ा और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार में मनमोहन सिंह पहली बार प्रधानमंत्री बने। शनिवार को लोकसभा चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद उनके दोबारा सत्ता में वापसी का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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