तालिबान के पीछे हटने पर पाकिस्तानी ग्रामीणों में खुशी की लहर
घुरघुश्ते(पाकिस्तान), 16 मई (आईएएनएस)। पश्मिोत्तर पाकिस्तान के बुनेर जिले के इस कस्बे के लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं है। सेना ने इस इलाके से आतंकवादी संगठन तालिबान को खदेड़कर गांव वालों को भय से मुक्त करा दिया है।
स्थानीय मेयर अब्दुल वहीद कहते हैं, "तालिबान ने इस्लाम के नाम पर पूरे क्षेत्र में आतंक का माहौल पैदा कर दिया था। आतंकवादियों ने स्थानीय लोगों को को न सिर्फ डराया धमकाया, बल्कि कई की जान भी ली। महिलाओं को सिर से पैर तक बुर्के में रहने को बाध्य किया गया, वहीं लड़कियों को स्कूल जाने से रोक दिया गया। वाकई उन्होंने अराजकता फैला रखी थी।"
हथियारबंद सुरक्षाकर्मियों से घिरे वहीद का कहना है कि तालिबान के पीछे हटने से लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा हुई है। लोग राहत की सांस ले रहे हैं। पलायन कर गए लोग अब वापस लौटने लगे हैं।
सैकड़ों तालिबानी आतंकवादियों ने अप्रैल में बुनेर पर कब्जा जमा लिया था। बुनेर और स्वात पाकिस्तान के मालाकांड क्षेत्र में आते हैं, जहां तालिबान और प्रांतीय सरकार के बीच एक समझौते के तहत शरिया कानून लागू किए जाने पर सहमति हुई थी। दोनों पक्षों के बीच समझौता टूटने के बाद तालिबान एक बार फिर बेकाबू हो गया। ऐसे हालात से निपटने के लिए पाकिस्तान को सैन्य मुहिम छेड़नी पड़ी।
इस कस्बे के करीब 2000 लोग अब तालिबान के पीछे हटने पर सेना के प्रति आभार प्रकट कर रहे हैं। तालिबान ने लोगों को किस हद तक परेशान कर रखा था इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह विश्व खाद्य कार्यक्रम द्वारा जनता के लिए भेजी जाने वाली रसद भी लूट लेता था। लूटी गई रसद को वह स्थानीय बाजार में बेचकर लाभ कमाता था।
इससे लोगों में संगठन के प्रति आक्रोश और बढ़ गया। पड़ोसी गांव टोटालई में तालिबान ने स्थानीय नाइयों को लोगों की दाढ़ी बनाने से रोक दिया था। तालिबान के पीछे हटने से यहां भी लोगों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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