्रप्रतिक्रियाएं: प्रदर्शन से निराश राजग, वाम दल करेंगे आत्मावलोकन (लीड-1)
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने संप्रग की इस जीत का श्रेय पार्टी महासचिव राहुल गांधी को देते हुए कहा कि यह युवाओं के उभार का नतीजा है। उन्होंने कहा कि यह जीत पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को मिला जनमत है।
उन्होंने कहा कि लोग एक स्थायी सरकार और एक ऐसा प्रधानमंत्री चाहते हैं जो देश के बारे में सोचे।भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्हें पार्टी के इतने खराब प्रदर्शन की उम्मीद नहीं थी। सिंह ने संवाददाताओं से कहा, "भाजपा का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। हमने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की जिस सफलता की उम्मीद की थी, वैसा हो नहीं सका। इसके कारणों पर बाद में चर्चा की जाएगी।"
इस बारे में पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने कहा कि उनकी पार्टी की रणनीति में कोई न कोई कमी जरूर रह गई जिस वजह से उनके पक्ष में नतीजे नहीं आए। उन्होंने कहा, "जनता का फैसला हमें मंजूर है। पूरा चुनाव परिणाम आने के बाद हम इस पर विचार करेंगे कि नतीजे हमारे उम्मीदों के मुताबिक क्यों नहीं रहे।"
चुनाव परिणामों से सबसे ज्यादा झटका वामपंथी दलों को लगा है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव प्रकाश करात ने कहा कि 545 सदस्यीय लोकसभा में वामदलों के सांसदों की संख्या इस बार 25 के नीचे रहने की आशंका है। वर्ष 2004 के चुनाव में वामदलों को 60 से अधिक सीटों पर विजय मिली थी। करात ने स्वीकार किया कि कांग्रेस और उसके सहयोगी चुनावी समर में विजयी रहे हैं।
लिखित बयान पढ़ते हुए करात ने कहा, "माकपा और वामदलों को इस चुनाव में भारी झटका लगा है। पार्टी के खराब प्रदर्शन की गंभीरता से समीक्षा करने की जरूरत है।" करात ने कहा कि पोलित ब्यूरो दो पारंपरिक गढ़ों पश्चिम बंगाल और केरल में पार्टी के कमजोर होने के कारणों की समीक्षा करेगी।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव ए.बी.बर्धन ने कहा कि हमेशा की तरह वह विपक्ष में बैठेंगे और गरीब लोगों के हितों के लिए लड़ते रहेंगे। बर्धन ने संवाददाताओं से कहा, "कांग्रेस विजयी हुई है और वह इस समय सरकार बनाने की स्थिति में है। उनको हमारे समर्थन की क्या आवश्यकता है? अपने पूरे जीवन में हम विपक्ष में रहे और हम विपक्ष में ही रहेंगे।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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