सरकार गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं नवीन पटनायक
विश्लेषकों का मानना है कि इस बार राष्ट्रीय मंच पर वह एक ताकतवर नेता के रूप में उभर सकते हैं।
एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत पटनायक ने मार्च महीने में अपनी दीर्घकालिक सहयोगी रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से अपने को अलग कर लिया था। भाजपा ने वर्ष 1988 में बीजू जनता दल (बीजद) के गठन के बाद से ही उनकी सरकार को लगातार समर्थन दिया था।
वैसे देखा जाए तो उड़ीसा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और वामपंथी पार्टियों के साथ बीजद द्वारा किए गए सीटों के तालमेल का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि दोनों की उड़ीसा में कोई खास उपस्थिति नहीं है।
लेकिन विश्लेषकों की नजर में राज्य में एक गहरी प्रेरणा काम कर रही है। राज्य की राजनीति में छोटे-छोटे खिलाड़ियों का समर्थन पटनायक को एक बड़ी राष्ट्रीय भूमिका निभाने में सक्षम बना सकता है।
लेकिन इस मुद्दे पर उस समय प्रश्नचिह्न् लग जाता है, जब उड़ीसा में हर किसी की जुबान पर यह सवाल तैर रहा होता है कि क्या पटनायक राज्य में लगातार तीसरी बार अपनी सत्ता बरकरार रख पाएंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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