भारत ने रासायनिक हथियारों का भंडार नष्ट किया
नई दिल्ली, 14 मई (आईएएनएस)। भारत ने संयुक्त राष्ट्र को सूचित किया है कि अंतर्राष्ट्रीय रासायनिक हथियार सम्मेलन के प्रावधानों के तहत उसने अपने रासायनिक हथियार भंडार को समाप्त कर दिया है। दक्षिण कोरिया और अल्बानिया के बाद ऐसा करने वाला भारत दुनिया का तीसरा देश बन गया है।
सरकार ने अपने घोषित रासायनिक हथियारों के भंडार को पूरी तरह नष्ट करने की जिम्मेदारी को पूरा करने के बारे में रासायनिक हथियार निषेध संगठन (ओपीसीडब्ल्यू) को 26 मार्च को अधिसूचित किया था।
नीदरलैंड के हेग स्थित ओपीसीडब्ल्यू के मीडिया और सार्वजनिक मामलों के प्रमुख माइकल लुहान ने ई-मेल से आईएएनएस को बताया कि ओपीसीडब्ल्यू के निरीक्षकों ने हथियारों को नष्ट करने के व्यवस्थित ढंग से सत्यापन के लिए आवश्यक सभी गतिविधियों को अंतिम रूप दिया और मार्च 2009 के अंत में उनके अस्तित्व खत्म कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि निरीक्षकों ने रासायनिक हथियारों को समाप्त करने के साथ ही पूर्व रासायनिक हथियार निर्माण फैक्टरी को भी नष्ट किए जाने की पुष्टि की। इस कारखाने को अस्थाई रूप से रासायनिक हथियार नष्ट करने वाली फैक्ट्री के रूप में बदल दिया गया था।
रासायनिक हथियारों का निर्माण वर्षो पहले बंद करने की घोषणा करते हुए जून 1997 में भारत ने कहा कि उसके पास 1,044 टन सल्फर का भंडार है। उस समय इसका दो प्रतिशत तोपों के गोलों में उपयोग किया गया था और बाकी सुरक्षित रखा था।
भारत ने अप्रैल 2002 तक अपने रासायनिक हथियार भंडार का 20 प्रतिशत,नवंबर 2003 तक 45 प्रतिशत और जनवरी 2008 तक 75 प्रतिशत हिस्सा नष्ट कर दिया था। भारत ने बाकी बचे रासायनिक हथियार भंडार को 2009 तक समाप्त करने को कहा था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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