कुमारस्वामी ने सोनिया से की मुलाकात
मुलाकात के बाद कुमारस्वामी ने यहां संवाददाताओं को बताया, "मैने सोनिया गांधी से मुलाकात की और कर्नाटक की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की।" कुमारस्वामी ने आगे कहा, "तीसरे मोर्चे से अलग होने का सवाल ही नहीं पैदा होता। मैं देश की जनता से तीसरे मोर्चे को वोट देने की अपील करता हूं।"
कुछ भी हो, लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के महज चार दिन पहले दोनों नेताओं के बीच लगभग दो घंटे चली इस बैठक को इस रूप में लिया जा रहा है कि जद (एस) कांग्रेस के करीब आ रहा है। इसके पहले टीवी चैनलों ने शाम को कुमारस्वामी की कार को सोनिया गांधी के 10 जनपथ स्थित आवास में प्रवेश करते हुए दिखाया था। कैमरों ने जब कुमारस्वामी की ओर अपना रुख किया तो उन्होंने अपना चेहरा ढंक लिया था।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिघवी ने कहा है कि उनकी पार्टी इन दिनों धर्मनिरपेक्ष पार्टियों के साथ चुनाव बाद गठबंधन के मुद्दे पर अनौपचारिक बातचीत कर रही है। सिंघवी ने सोनिया गांधी के साथ कुमारस्वामी की मुलाकात की पुष्टि करने से इंकार करते हुए एक टीवी चैनल से कहा, "हम सभी धर्मनिरपेक्ष पार्टियों का स्वागत करते हैं।"
उधर जद (एस) के प्रवक्ता दानिश अली ने इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। बहरहाल, जद (एस) की कांग्रेस नेतृत्व से हुई मुलाकात से वामपंथी पार्टियों की उस कोशिश को गहरा धक्का लगा है, जिसके तहत वे केंद्र में एक गैर कांग्रेस और गैर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के गठन का सपना देख रहे हैं।
ज्ञात हो कि दो दिन पहले ही तेलंगाना राष्ट्र समिति भी तीसरे मोर्चे से किनारा कर भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हो गई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।