लोकसभा चुनाव की कुछ खास झलकियां
आम चुनाव का मतलब होता है लाखों लोगों की इसमें भागीदारी। कुल 71.377 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करते हैं। मतदान देश भर के 8.34 लाख केंद्रों पर संपन्न होता है। मतदान के जरिए देश के दूरवर्ती हिस्सों में लोकतंत्र की पहुंच का आभास कराया जाता है। देश के लोकतांत्रिक आधार को मजबूत करने की कोशिश की जाती है।
दूरवर्ती क्षेत्रों की बातें करें तो जम्मू-कश्मीर के जानसकर उप खंड में ऊंची चोटी पर स्थित दो मतदान केंद्रों पर मात्र 37 मतदाताओं के लिए 12 मतदान कर्मियों का बंदोबस्त किया गया था। इनमें से 39-रालाकंग मतदान केंद्र पर 23 मतदाता और 40-फेमा मतदान केंद्र पर 14 मतदाता थे। मतदान कर्मियों को हेलीकॉप्टर के जरिए वहां पहुंचाया गया था। ये मतदान केंद्र 13,700 फुट की ऊंचाई पर स्थित हैं।
लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने पांच महीने तैयारी की थी। अब चुनाव संपन्न हो जाने के बाद आयोग ने राहत की सांस ली है। मतदान को लेकर आयोग संतुष्ट है।
देश के सभी 29 राज्यों और छह केंद्र शासित प्रदेशों में मतदान संपन्न हुआ। इसके तहत कुल 543 संसदीय सीटों के लिए वोट डाले गए। इसके साथ ही आंध्रप्रदेश की 294, उड़ीसा की 147 और सिक्किम की 32 विधानसभा सीटों के लिए भी मतदान हुआ।
चुनाव में कुल 8070 प्रत्याशियों ने हिस्सा लिया। इसमें 7514 पुरुष और 556 महिला उम्मीदवार शामिल थे।
प्रथम चार चरणों के दौरान कुल 55.40 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान पर निगरानी के लिए 2,046 पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया था। इसके साथ ही 46.90 लाख मतदान कर्मियों को मतदान प्रक्रिया में लगाया गया था।
देश में चेन्नई दक्षिण लोकसभा सीट पर सबसे अधिक (43)उम्मीदवार मैदान में थे। सबसे कम उम्मीदवार नागालैंड (3) में थे।
लद्दाख के लेह में औली फू (15,300 फुट की ऊंचाई पर) में स्थित देश के सबसे ऊंचाई वाले मतदान केंद्र पर भी मतदान कराया गया।
मतदान के लिए 11,83,543 इलेक्ट्रॉनिकवोटिंग मशीनें और 908,643 नियंत्रण इकाइयां इस्तेमाल में लाई गईं।
कुल 86,782 गांवों को संवेदनशील घोषित किया गया था। मतदान के सिलसिले में कुल 373,861 लोगों को निशेधात्मक धाराओं में निरुद्ध किया गया था।
नक्सल प्रभावित 79 संसदीय क्षेत्रों में भी मतदान कराया गया। इन इलाकों के कुल 118,604 मतदान केंद्रों पर उच्च सुरक्षा की तैनाती की तैनाती की गई थी।
मतदान प्रक्रिया को कैमरों में कैद करने के लिए 40,599 डिजिटल कैमरों सहित 74,729 वीडियोग्राफरों को तैनात किया गया था। चुनावी बंदोबस्त के लिए 55
हेलीकॉप्टरों को भी इस्तेमाल में लाया गया।
गड़बड़ी वाली 648 सीटों पर पुनर्मतदान भी कराए गए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।