मध्य प्रदेश कांग्रेस कार्यालय बनाम खाली चेम्बरों की इमारत

By Staff
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प्रदेश की राजधानी भोपाल के न्यू मार्केट को बोर्ड आफिस चौराहे से जोड़ने वाले मार्ग पर स्थित कांग्रेस की बहुमंजिला इमारत हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच लेती है। यह इमारत अंदर और बाहर से खूबसूरत है। भू तल से लेकर तीसरी मंजिल तक पदाधिकारियों के लिए कुल 33 कक्ष बनाए गए है। इनमें प्रदेशाध्यक्ष का कक्ष जहां वातानुकूलित है वहीं अन्य पदाधिकारियों के कक्ष एयर कूल्ड है। अधिकांश कक्षों में दूरभाष सुविधा से लेकर दुनियाभर की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए टेलीविजन भी लगाए गए हैं।

कांग्रेस की इस इमारत में भू तल पर प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता, सात प्रवक्ताओं के अलावा तीन अन्य पदाधिकारियों के कक्ष है। वहीं पहली मंजिल पर भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन और युवक कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष का कक्ष बनाया गया है। दूसरी मंजिल में सात प्रकोष्ठों तथा कांग्रेस की प्रदेश इकाई के दो पदाधिकारियों के भव्य चेम्बर है। तीसरी मंजिल पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और दस अन्य पदाधिकारियों के लिए बैठक व्यवस्था की गई है।

गुटबाजी के लिए पहचानी जाने वाली प्रदेश कांग्रेस में हर गुट के व्यक्ति बतौर पदाधिकारी तैनात है। गुटीय संतुलन के चलते ही इन पदाधिकारियों को चेम्बर भी हासिल हुए है। कांग्रेस नेताओं ने पद पाने के साथ ही प्रदेश कार्यालय में चेम्बर भी पा लिए है, मगर इसमें बैठने की जहमत उठाने से वे परहेज करते है। शायद ही कभी ऐसा मौका आता है जब पार्टी कार्यालय के सभी कक्षों में पदाधिकारी बैठे नजर आते हों। दो तीन पदाधिकारी ही ऐसे है जो नियमित कार्यालय में बैठते हैं।

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मानक अग्रवाल कहते है कि पदाधिकारियों को अपने कक्ष में बैठना चाहिए और उन्हें जो जिम्मेदारी पार्टी ने दी है उसका ईमानदारी से निर्वाहन भी किया जाना चाहिए। साथ में वे जोड़ते है कि कुछ पदाधिकारी मैदानी क्षेत्रों में सक्रिय होने अथवा दूसरी वजहों से अपने कक्ष में नहीं बैठते।

वहीं दूसरी ओर महामंत्री (संगठन) राजीव सिंह का कहना है कि अधिकांश पदाधिकारी भोपाल से बाहर के होते है इसलिए उनके कक्ष खाली रहते है। माह में एक दो बार वे अपने चेम्बर में बैठते जरूर है। साथ में वे कहते है कि यह पदाधिकारियों की इच्छा पर निर्भर है कि वे कब कार्यालय में आकर बैठें अथवा नहीं। पार्टी उन्हें बाध्य नहीं कर सकती क्योंकि यह सरकारी कार्यालय नहीं है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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