अहमदाबाद का पहला सहकारिता बैंक संकट में
बैंक के सामने नकदी का भारी संकट पैदा हो गया है। बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक से मदद मांगने का फैसला किया है। बैंक का तरलता आधार लगभग खत्म हो गया है। इसके चेयरमैन नयन कुमार मजूमदार ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, "हमारे सामने न सिर्फ नकदी का संकट है, बल्कि बैंक को ग्राहकों की बचत राशि आकर्षित करने में भी कामयाबी नहीं मिल पा रही है।"
51,635 ग्राहकों और आठ शाखाओं से शुरू होने वाले इस बैंक को बचाने का प्रयास तेज हो गया है। 1932 में स्थापित हुए इस बैंक को अपनी निष्क्रिय परिसंपत्तियों के कारण ज्यादा नुकसान हो रहा है। इसका ग्राहकों पर करीब 35 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है, जिनकी वसूली की गुंजाइश इस मंदी में और क्षीण हो गई है। एक और अधिकारी ने कहा कि इसे बंद होने से बचाने के लिए रिजर्व बैंक से मदद लेने के अलावा कोई चारा नहीं रह गया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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