रियल्टी सेक्टर : छूट के पीछे कहानी कुछ और है..
नई दिल्ली, 12 मई (आईएएनएस)। अगर आप वैश्विक मंदी के कारण अचल संपत्ति की कीमतों में आई 40 फीसदी तक की गिरावट के बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में घर खरीदना चाहते हैं तो जरा ठहरिए क्योंकि जो दिख रहा है वह हकीकत नहीं है।
दिल्ली के एक प्रमुख प्रॉपर्टी डीलर राकेश भारद्वाज ने बताया, "अगर आपका बजट 35 लाख रुपये तक का है तो आप दिल्ली की किसी अच्छी कालोनी में तीन बेडरूम का घर नहीं खरीद सकते।"
उन्होंने कहा, " दिल्ली को तो भूल ही जाइये अगर आप नोएडा के प्रमुख इलाके में तीन बेडरूम का फ्लैट चाहते हैं तो आप को कम से कम 60 लाख रुपये खर्च करने होंगे। 35 लाख रुपये में आपको नोएडा या ग्रेटर नोएडा, इंदिरापुरम, गुड़गांव या फरीदाबाद के अल्पविकसित इलाके में ही घर मिल पाएगा।"
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में घर खरीदने के इच्छुक लोगों को लुभाने के लिए रियल्टी कारोबारियों द्वारा ऐसे विज्ञापन दिए जा रहे हैं जिनका यकीन किया जाए तो न केवल कीमतों में कमी आई है बल्कि ब्याज दरें भी घटी हैं।
एक लीगल आउटसोर्सिग फर्म के वरिष्ठ शोधकार्ता भावेश तनेजा ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्होंने विज्ञापन पढ़कर कुछ प्रॉपर्टी डीलरों से संपर्क किया था लेकिन वह उस समय चकित रह गए जब उन्हें पता चला कि घर की कुल कीमत उतनी ही है जितनी उन्होंने आठ महीने पहले पता की थी।
तनेजा ने कहा, "उन्होंने कहा कि छूट केवल उन परियोजनाओं पर है जो अभी पूरी नहीं हुई हैं।" इसके अलावा उन्होंने परियोजनाओं के पूरा होने की कोई नियत तिथि देने से भी इंकार कर दिया।
जैसे इतना ही काफी नहीं था कि डेवलपर्स ने बाह्य विकास आदि के नाम पर भी 200,000 रुपये तक का अतिरिक्त खर्च बताया।
वैश्विक सलाहकार एवं लेखा कंपनी केपीएमजी के साथ काम करने वाले रियल्टी सेक्टर के विशेषज्ञ नीरज बंसल ने कहा कि रियल्टी सेक्टर में कीमतों में कमी जरूर आई है लेकिन पूर्व निर्मित प्रॉपर्टीज की कीमत पर खास असर नहीं पड़ा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।