न्यायालय ने डीटीसी के बहादुर कर्मचारियों को पदोन्नति का आदेश दिया
न्यायालय ने शुक्रवार को बस चालक और कंडक्टर को वादे के अनुसार पदोन्नति नहीं देने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए डीटीसी को जल्द से जल्द पदोन्नति देने का आदेश दिया।
बस के कंडक्टर बुद्ध प्रकाश और चालक महिपाल ने आठ सितंबर 1998 को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर इलाके में यात्रियों को चार हथियारबंद डकैतों से बचाया था। गोली लगने के बावजूद दोनों कर्मचारियों ने डकैतों को पकड़ लिया था।
प्रकाश ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि सहारनपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने पांच नवंबर 1998 को डीटीसी से सिफारिश की थी कि दोनों कर्मचारियों के साहसिक कार्य के लिए उन्हें पदोन्नति मिलनी चाहिए।
डीटीसी ने दोनों कर्मचारियों का वेतन 4,800 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दी थी लेकिन पदोन्नति नहीं दी।
मुख्य न्यायाधीश अजीत प्रकाश शाह और न्यायाधीश नीरज किशन कौल ने कहा, "जिस प्रकार से परिवहन निगम ने इस मामले में दोनों कर्मचारियों की पदोन्नति रोकी है, इससे हम दुखी है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।