बिहार में विकास के मुद्दे पर कई केन्द्रों पर हुआ मतदान का बहिष्कार
राज्य निर्वाचन विभाग से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक नालंदा संसदीय क्षेत्र में विकास के नाम पर 18 मतदान केन्द्रों पर मतदान का बहिष्कार किया गया। आंकड़ों के अनुसार बिहार में प्रथम चरण में जहां 14 मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं ने 'विकास नहीं तो मतदान नहीं' को मुद्दा बनाकर मतदान का बहिष्कार किया। वहीं दूसरे चरण में 47 मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं ने वोट नहीं डाले। इसी तरह तीसरे और चौथे चरण में क्रमश: 27 तथा 22 मतदान केन्द्रों पर विकास का मुद्दा हावी रहा और मतदाताओं ने मतदान का बहिष्कार किया गया।
नालंदा के वेन प्रखंड के दाउदपुर गांव स्थित मतदान केन्द्र संख्या 202 में पानी, बिजली, सड़क और नालियों के निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया।
इसी तरह सासाराम संसदीय क्षेत्र के करीब एक दर्जन मतदान केन्द्रों पर मतदान का बहिष्कार किया गया। शिवसागर प्रखंड के चंदनपुर गांव में मतदाताओं ने वोट बहिष्कार किया। वहीं के निवासी रामदेव सिंह का कहना है कि ग्रामीणों द्वारा इस बहिष्कार का संदेश केवल इतना था कि सिर्फ धरना, प्रदर्शन ही नहीं, वोट भी लोकतांत्रिक लड़ाई का हथियार है।
इधर, वोट बहिष्कार के मुद्दे पर राज्य निर्वाचन विभाग के उप निर्वाचन पदाधिकारी कुमार अंशुमाली ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया परंतु इतना जरूर कहा कि वोट का बहिष्कार उचित नहीं है।
उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण में बिहार में 13-13 संसदीय सीटों तथा तीसरे चरण में 11 और चौथे चरण में तीन संसदीय सीटों के लिए वोट डाले गए थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।