छोटे शहरों बढ़ा अचल संपत्ति का कारोबार
नई दिल्ली। बड़े शहरों और उनके उपनगरों में बढ़ती कीमतों की वजह से मकान न खरीद पाने वाले लोग अब छोटे शहरों का रुख कर रहे हैं। जिससे उन इलाकों में अचल संपत्ति की कीमतों में इजाफा हो रहा है।
पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग रत्नेश गुप्ता पिछले दो वर्षो से दिल्ली या चंडीगढ़ में एक घर खरीदना चाहते थे लेकिन 25 लाख रुपये का बजट इस काम में आड़े आ रहा था। अंतत: उन्होंने उत्तराखंड के एक छोटे कस्बे रुद्रपुर में घर खरीदा।
रुद्रपुर भी अल्मोड़ा, भिवाडी, नीमराना, हल्द्वानी, मेरठ, मुरादाबाद और करनाल जैसे उन छोटे शहरों में शामिल है जो मकान खरीदने वालों की ताजा पसंद हैं। इस नई प्रवृत्ति ने मंदी की मार झेल रहे रियल्टी कारोबारियों के चेहरे पर एक बार फिर मुस्कान ला दी है।
गुप्ता ने कहा, "दिल्ली या चंडीगढ़ में घर खरीदने के लिए मेरा बजट बहुत कम था। किसी ढंग की कालोनी में एक बेडरूम वाला घर भी मुझे नहीं मिल रहा था। अब मेरे पास एक बढ़िया घर है और मैं अन्य क्षेत्रों में निवेश के लिए कुछ पैसा भी बचा सकता हूं।"
वैश्विक रियल्टी सलाहकार कंपनी जोंस लैंग लासेल मेघराज के अध्यक्ष और कंट्री हेड अनुज पुरी ने कहा, "बड़े शहरों में अब विस्तार की गुंजाइश ही नहीं है यही कारण है कि छोटे शहरों में रियल्टी सेक्टर का विकास हो रहा है।"
पुरी ने कहा कि छोटे शहरों में अब भी जमीन की कीमत अपेक्षाकृत कम है। इन शहरों में उद्योग शुरू हो रहे हैं और विकास भी हो रहा है। ऐसे में रियल एस्टेट डेवलपर्स के लिए इन शहरों में अच्छा भविष्य है। शिवकला डेवलपर्स के प्रबंध निदेशक माहिम मित्तल ने कहा कि रुद्रपुर में रियल एस्टेट के क्षेत्र में दो अरब डॉलर का निवेश हो चुका है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।