दिल्ली के निराश मतदाताओं ने कहा, चुनाव आयोग ने हमें पप्पू बनाया
वोट देने में असफल रहे लोगों को लगता है कि आयोग को उनके मताधिकार की रक्षा का खास ख्याल नहीं है। पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र के एक मतदाता राणा ए.के, िंसंह गुस्से में कहते हैं, "ऐसा लगता है जैसे आयोग ने हमें पप्पू बनाया है। हमें बेवकूफ बनाया गया है। मेरा नाम मतदाता सूची से गायब है और मुझे इसकी जानकारी तक नहीं दी गई।" मयूर विहार फेज 3 के रहने वाले ए.के सिंह के मुताबिक उनकी तरह कई मतदाता असहाय होकर बूथ का चक्कर लगाते रहे।
पप्पू से मतलब ऐसे व्यक्ति से है जो वोट नहीं देता। आयोग ने मतदाताओं को जागरूक बनाने के लिए जिन विज्ञापनों का सहारा लिया, उनमें से एक विज्ञापन का पात्र पप्पू वोट नहीं देता है। यह संगीतमय विज्ञापन हिंदी फिल्म 'जाने तू या जाने ना' के एक गाने से प्रेरित है। मतदान केंद्रों पर कई लोग मतदाता सूचियों में अपने नाम ढूंढ़ते रह गए। लोग समय बर्बाद कर और तल्ख यादें लेकर घर लौट आए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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