कश्मीरी पंडितों ने किया चुनाव का बहिष्कार
निर्वाचन आयोग ने कश्मीरी पंडित की ओर से एक भी 'एम फार्म' नहीं प्राप्त किया। दरअसल इस फार्म को भरने के बाद ही कोई विस्थापित कश्मीरी पंडित मतदान कर सकता है।
कश्मीरी पंडित के लिए दिल्ली में सहायक पीठासीन अधिाकरी गुलाम कादिर बावा ने आईएएनएस से कहा, "हमने एम फार्म भरने के लिए अखबारों में भी विज्ञापन प्रकाशित करवाया था लेकिन हमें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इसलिए हमने दिल्ली में चार जगहों में कश्मीरी पंडितों के मतदान के लिए व्यवस्था की लेकिन वहां भी कोई नहीं पहुंचा।"
इस संबंध में कश्मीरी कार्यकर्ता आदित्य राज कौल ने कहा, "मैंने विरोध स्वरूप मतदान नहीं किया। यह एक प्रकार का हमारे साथ भेदभाव है। हम विस्थापित नहीं हैं। विस्थापित वे कहलाते हैं जो अपनी इच्छा से घाटी को छोड़ते हैं। हमें बलपूर्वक निकाला गया।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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