स्पष्ट बहुमत के अभाव में नए साथियों की तलाश शुरू

By Staff
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इसका अंदाजा गुरुवार को जारी मतदान के बीच विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं की ओर से आए बयानों से आसानी से लगाया जा सकता है।

कांग्रेस प्रवक्ता जयंती नटराजन ने पत्रकारों से चर्चा में कहा, "तृणमूल कांग्रेस के साथ हमारा गठबंधन बरकरार है लेकिन यह वामपंथियों को तय करना है कि क्या वे केंद्र में एक धर्मनिरपेक्ष सरकार के गठन के लिए हमें समर्थन करेंगे या नहीं।"

कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने तो मंगलवार को ही इस बात के संकेत दे दिए थे कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) को बहुमत मिलने को लेकर कांग्रेस ही आश्वस्त नहीं है। राहुल ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा था, "चुनाव बाद गठबंधन का रास्ता खुला हुआ है और मुझे पूरा भरोसा है कि वामपंथी दल मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का समर्थन करेंगे।" राहुल ने तो जनता दल (युनाइटेड) के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की तारीफ कर गठबंधन में आने का पासा फेंका था।

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता व पार्टी की पोलित ब्यूरो के सदस्य सीताराम येचुरी ने पत्रकारों से कहा, "हम किसका समर्थन करेंगे यह 16 मई को चुनाव परिणाम आ जाने के बाद तय करेंगे।"

भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा, "10 मई को लुधियाना में आयोजित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेताओं की एक रैली में कुछ और दल शामिल होंगे।" लेकिन पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार और महासचिव अरुण जेटली ने कहा कि चुनाव परिणाम आने के बाद पार्टी नए दलों के साथ गठबंधन को लेकर विचार करेगी।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में पत्रकारों से चर्चा में कहा, "जद (यु) राजग का हिस्सा है और आगे भी रहेगा। इस सवाल का मैंने कई बार जवाब दिया है।" उन्होंने विश्वास जताया कि राजग को बहुमत मिलेगा और वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी प्रधानमंत्री बनेंगे।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने अपने संसदीय क्षेत्र मैनपुरी में संवाददाताओं से चर्चा में कहा, "उनकी पार्टी उसी गठबंधन को अपना समर्थन देगी जो मायावती सरकार को उसके अलोकतांत्रिक कार्यो के लिए बर्खास्त करने का वादा करेगी। इस सरकार ने युवाओं, किसानों और व्यापारियों सहित हर वर्ग को तकलीफ दी है। केंद्र में आगामी सरकार के गठन में सपा महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।"

उल्लेखनीय है कि चौथे चरण का मतदान संपन्न होने के साथ ही 543 संसदीय सीटों में से 457 पर मतदान संपन्न हो जाएगा। अंतिम चरण में 86 सीटों पर मतदान होना शेष है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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