दिल्ली में हावी रहेगा विकास का मुद्दा
वैसे दिल्ली में मुकाबला दो दलों के बीच न होकर त्रिकोणीय हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के अलावा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) इस बार तीसरी ताकत बनने का दावा पेश कर रही है।
राज्य में कुल 160 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं जबकि साल 2004 के चुनाव में यह संख्या 129 थी। गुरुवार को 11,348 मतदान केंद्रों पर 1.109 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। 32 मतदान केंद्र संवेदनशील घोषित किए गए हैं।
उत्तर पश्चिम दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। यहां लगभग 17.9 लाख मतदाता हैं। सबसे कम 13.6 लाख मतदाता नई दिल्ली सीट के अंतर्गत हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस को छह और भाजपा को महज एक सीट मिली थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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