हरियाणा में कांग्रेस के लिए मौजूदा सीटें बरकरार रख पाना ही चुनौती
लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में हरियाणा की सभी 10 संसदीय सीटों के लिए गुरुवार को मतदान होगा। राज्य के 1.20 करोड़ मतदाता 14 महिला उम्मीदवारों सहित 210 मतदाताओं का चुनावी भविष्य तय करेंगे।
वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य की 10 में से 9 सीटों पर कब्जा जमाया था। भाजपा को एकमात्र सोनीपत सीट पर विजय मिली थी। कांग्रेस के लिए वर्तमान की नौ सीटें बचाना ही सबसे बड़ी चुनौती है।
यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन के बीच है।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल हिसार संसदीय सीट से अपनी नवगठित हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उनकी उम्मीदवारी से इस संसदीय सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। कांग्रेस ने वर्तमान सांसद जयप्रकाश को और इनेलो-भाजपा गठबंधन ने राज्य के पूर्व वित्त मंत्री सम्पत सिंह को उम्मीदवार बनाया है।
रोहतक से मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के पुत्र दीपेन्द्र सिंह हुड्डा चुनाव मैदान में है। कांग्रेस इस सीट पर अपनी जीत सुनिश्चित मान रही है।
राज्य की भिवानी महेंद्रगढ़ संसदीय सीट पर मुकाबला सबसे रोचक होने की उम्मीद है। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के बेटे अजय सिंह चौटाला यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी को टिकट दिया है।
सिरसा से युवक कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक तंवर और इनेलो के सीताराम के बीच मुकाबला है। कुरुक्षेत्र में कांग्रेस के युवा नेता नवीन जिंदल और इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार अरोड़ा आमने-सामने हैं। सोनीपत सीट पर भाजपा के किशन सिंह सांगवान और कांग्रेस के जतिंदर सिंह मलिक के बीच मुकाबला है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को सोनीपत सीट पर ही एकमात्र जीत हासिल हुई थी।
केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा की राह इस बार आसान नहीं दिख रही है। अंबाला से वह फिर से चुनाव मैदान में हैं। भाजपा के रतनलाल कटारिया से उन्हें कड़ी टक्कर मिल रही है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।