आजम की भरपाई के लिए सपा ने आजमी को रामपुर में उतारा
मुंबई में सपा का झ्झंडा बुलंद करने वाले आजमी इन दिनों रामपुर की खाक छान रहे हैं। पार्टी प्रत्याशी जयाप्रदा के लिए वह धुआंधार प्रचार कर रहे हैं। यहां से जयाप्रदा की जीत इसी बात पर निर्भर करेगी कि आजमी रामपुर में आजम के प्रभाव को कम करने में कितना कामयाब होते हैं।
रामपुर में पहली बार आए आजमी कहते हैं कि आजम की नाराजगी गैरवाजिब है और कोई भी नेता पार्टी से बड़ा नहीं है। आजमी भले ही कुछ भी कहें हकीकत यही है कि रामपुर में इस बार आजम एक बड़ा मुद्दा है।
मुलायम की पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह से दोस्ती के बाद से आजम पार्टी से नाराज चल रहे हैं। इसी इलाके से सात बार विधायक रह चुके आजम को भी पता है कि अगर वह कल्याण सिंह के साथ मंच पर दिखाई दिए तो उनका परम्परागत मुस्लिम वोट बैंक खिसक जाएगा।
जानकारों के मुताबिक रामपुर में मुसलमान बहुसंख्यक हैं। इसलिए यहां से भले ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बड़े नेता मुख्तार अब्बास नकवी, कांग्रेस से नबाव खानदान की बेगम नूर बानो और सपा से जया प्रदा मैदान में हैं लेकिन हार-जीत का फैसला आजम ही करेंगे।
वैसे जया प्रदा की हार-जीत पार्टी के बड़े नेता अमर सिंह के लिए भी नाक की लड़ाई है क्योंकि अमर सिंह ही जयाप्रदा को रामपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़वाने के लिए अड़े थे।
आजम के करीबियों का कहना है कि कल्याण सिंह तो बहाना है आजम की मुलायम सिंह से नाराजगी तो दरअसल जयाप्रदा को लेकर है। वह पिछले दो साल से जया की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे थे। रामपुर संसदीय सीट पर पांचवें चरण में मतदान होना है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।