नेपाल में हालात बिगड़े, 50 गिरफ्तार
गिरफ्तार लोगों में एक प्रमुख मानवाधिकार कार्यकर्ता भी शामिल है। नागरिक समाज के नेताओं को राष्ट्रपति के सरकारी आवास 'शीतल निवास' के बाहर धरना पर बैठने का प्रयास करते समय गिरफ्तार किया गया। यहां सभी रैलियों और प्रदर्शनों पर सोमवार से ही प्रतिबंध लगा हुआ है।
राष्ट्रपति
के
कदम
को
असंवैधानिक
बताते
हुए
माओवादियों
ने
अपना
संघर्ष
संसद
से
सड़क
तक
जारी
रखने
का
संकल्प
लिया
है।
एक
प्रमुख
मानवाधिकार
कार्यकर्ता
देवेंद्र
राज
पांडे
ने
कहा,
"हमें
शांतिपूर्वक
प्रदर्शन
करने
का
अधिकार
है।
राष्ट्रपति
के
असंवैधानिक
निर्णय
को
वापस
लेने
तक
हम
अपना
विरोध
प्रदर्शन
जारी
रखेंगे।"
संसद की कार्यवाही प्रभावित
मओवादियों का यह कदम शांति प्रक्रिया के लिए एक और धक्का होगा। माओवादी पार्टी के प्रवक्ता और सांसद दीनानाथ शर्मा ने कहा कि सेना प्रमुख रूकमांगद कटवाल की बर्खास्तगी और राष्ट्रपति राम बरन यादव के असंवैधानिक निर्णय को बदलने तक अंतरिम संसद की कार्यवाही नियमित रूप से नहीं चलने देने का फैसला किया गया है।
सांसद ने कहा कि माओवादी पार्टी नई वैकल्पिक सरकार के गठन के प्रयास के लिए पूर्व सहयोगी नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी (यूएमएल) द्वारा बुलाई गई 25 संसदीय दलों की बैठक का भी बहिष्कार करेगी।
नई रणनीति का उद्देश्य यूएमएल और अन्य पार्टियों के साथ नया सत्तारूढ़ गठबंधन तैयार करने की नेपाली कांग्रेस की कोशिशों को आघात पहुंचाना है। यदि संसद में सबसे बड़े दल माओवादी पार्टी ने शत्रुता जारी रखी तो अगले वर्ष तक संविधान निर्माण का तय कार्य पूरा करना कठिन होगा।
नेपाल में राजनीतिक संकट को लेकर कानूनी विवाद भी छिड़ गया है। एक अधिकार संगठन ने कटवाल को पद पर बनाए रखने के राष्ट्रपति के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।