पन्ना के हीरे की फिर बिखरेगी चमक
मध्य प्रदेश के पन्ना जिले की पहचान दुनिया में हीरा के लिए है। यहां एशिया की सबसे बड़ी हीरा खदान है जिसमें जेम, इंडस्ट्रियल और ऑफ कलर के हीरे पाए जाते हैं। पर्यावरण विभाग की आपत्ति के चलते एनएमडीसी की खदान को 22 अगस्त 2005 को बंद कर दिया गया था। यह मामला सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचा और सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ ने एक मई को अपने फैसले में एनएमडीसी की खदान फिर शुरू करने के आदेश दिए हैं।
इस खदान के बंद होने का असर पन्ना और इसके आसपास के जिलों की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। एनएमडीसी में जहां 500 कर्मचारी कार्यरत थे वहीं ठेकेदारों के जरिए बड़ी संख्या में स्थानीय मजदूरों को भी काम मिल जाया करता था। भारतीय मजदूर संघ की पन्ना इकाई के महासचिव निरंजन सिंह बताते हैं कि खदान के बंद हो जाने से बड़ी संख्या में कर्मचारियों को दीगर स्थान भेजा जा चुका है और स्थानीय मजदूरों को मिलने वाला रोजगार भी बंद चल रहा है।
खदान के बंद हो जाने से बड़ी संख्या में स्थानीय मजदूरों को पलायन का रास्ता चुनना पड़ा है। कई गांवों की तो हालत यह है कि घरों में ताले लटके हुए हैं। मजदूर नेता निरंजन सिंह ने आईएएनएस से चर्चा करते हुए बताया है कि खदान में आगामी एक पखवाड़े के भीतर काम शुरु हो जाएगा। इसके चलते पन्ना के हीरे की चमक एक बार फिर दुनिया में तो बिखरेगी ही साथ में इस पिछड़े इलाके की गड़बड़ा चुकी अर्थव्यवस्था में भी सुधार आएगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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