भारत व पाकिस्तान एक समझौते के करीब पहुंच चुके थे : प्रधानमंत्री
मनमोहन सिंह ने सीएनएन-आईबीएन के साथ एक साक्षात्कार में कहा, "मैं और मुशर्रफ सभी समस्याओं के गैर भूक्षेत्रीय समाधान के लिए एक समझौते के करीब पहुंच चुके थे। लेकिन तभी प्रधान न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी के साथ वह कठिनाइयों में उलझ गए। उसके बाद उन्होंने कहा कि हम हर मोर्चो पर नहीं लड़ सकते और उसके बाद पूरी प्रक्रिया रुक गई।"
प्रधानमंत्री वर्ष 2007 में पाकिस्तानी वकीलों के देशव्यापी आंदोलन का जिक्र कर रहे थे। वह आंदोलन मुशर्रफ के पतन का कारण बना। वर्ष 2008 में हुए चुनाव के बाद पाकिस्तान में नई सरकार सत्तारूढ़ हुई। उसके बाद मुशर्रफ को पद से हटना पड़ा।
पिछले वर्ष मुंबई हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच शांति प्रक्रिया पूरी तरह से अवरुद्ध हो गई।
मनमोहन सिंह ने कहा है, "मैं अब भी मानता हूं कि पाकिस्तान के प्रति हमारी कोई दुर्भावना नहीं है। हम चाहते हैं कि पाकिस्तान तालिबान को पराजित करे। हमारी एक मात्र चिंता यह है कि पाकिस्तान को अपनी धरती से हमारे देश (भारत) में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की इजाजत नहीं देनी चाहिए।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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