गुजरात दंगों की निष्पक्ष सुनवाई अब उच्च न्यायालय की जिम्मेदारी : कांग्रेस
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम. वीरप्पा मोइली ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "सर्वोच्च नयायालय के फैसले पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा लेकिन अब यह गुजरात उच्च न्यायालय पर निर्भर करता है कि कैसे निष्पक्ष सुनवाई हो। उच्च न्यायालय को यह सुनिश्चित भी करना होगा कि विशेष जांच दल दंगों से जुड़े मामलों की स्वतंत्रापूर्वक जांच कर सके।"
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, "मोदी ने दंगों के लिए माफी तक नहीं मांगी, यह उसी का नतीजा है। उन्हें इसका कोई खेद भी नहीं हैं।"
भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने जानबूझकर इस मामले को उठाया है।
उन्होंने कहा, "हमें खुशी है कि सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में सही कदम उठाया है। यह नहीं भूलना चाहिए कि गुजरात पुलिस ने जांच के दौरान कई लोगों को आरोपी बनाया है। लोग गुजरात दंगों की बात तो उठाते हैं लेकिन वे क्यों गोधरा कांड को भूल जाते हैं।"
इस बीच सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने गवाहों की सुरक्षा के प्रति चिंता जताते हुए कहा, "जब तक गवाहों की सुरक्षा का उचित प्रबंध नहीं हो जाता तब तक गुजरात में न्याय नहीं मिल सकता।"
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) तथा अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अरिजित पसायत और न्यायमूर्ति अशोक कुमार गांगुली की पीठ ने वर्ष 2002 में बहुचर्चित गोधरा कांड के बाद राज्य में भड़के दंगों से जुड़े 10 महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई के लिए राज्य में ही छह त्वरित अदालतों के गठन और गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी राज्य सरकार को देते हुए शुक्रवार को यह व्यवस्था दी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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