श्रीलंका ने की युद्धविराम की घोषणा
इस
मुद्दे
पर
श्रीलंका
में
राष्ट्रीय
सुरक्षा
परिषद
की
एक
बैठक
हुई,
जिसमें
लिबरेशन
टाइगर्स
ऑफ
तमिल
ईलम
(लिट्टे)
के
खिलाफ
सैन्य
अभियान
समाप्त
कर
ने
का
फैसला
लिया
गया।
श्रीलंका
सरकार
ने
कहा
कि
उसकी
पहली
प्राथमिकता
युद्ध
प्रभावित
क्षेत्र
में
फंसे
लोगों
को
निकालने
और
उनकी
जान
बचाने
की
है।
भारी
हथियारों
का
उपयोग
भी
बंद
श्रीलंका ने कहा कि युद्धविराम के बाद फौजी कार्रवाई सीमित कर दी है और भारी हथियारों का उपयोग भी बंद कर दिया है ताकि लिट्टे द्वारा 5 किलोमीटर के इलाके में बंधक बनाए गए करीब 15 से 20 हजार लोगों के जीवन को बचाया जा सके। बताया जाता है कि लिट्टे के चंगुल में फंसे करीब 1 लाख 10 हजार लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
युद्धविराम के बाद अपनी प्रतिक्रिया में भारत के गृहमंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि श्रीलंका सरकार तमिलों को बचाने में जुट गई है और वह लिट्टे से निपटने के लिए भारी गोला-बारूद का उपयोग नहीं करेगी। श्रीलंका द्वारा की गई इस घोषणा के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.करुणानिधि जो सुबह से भूख हड़ताल पर चले गए थे, उन्होंने अपनी हड़ताल खत्म कर दी।