विकासशील देशों को अतिरिक्त अधिकार

By Staff
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World Bank
वाशिंगटन। विश्व बैंक की 2010 में होने वाली आगामी बैठक के दौरान आर्थिक सुधारों में तेजी लाने के साथ-साथ भारत समेत अन्य विकासशील देशों को अतिरिक्त अधिकार देने पर सहमति बन गई है। मंदी की मार झेल रहे गरीब देशों की मदद के लिए दानदाता देशों से कोष उपलब्ध कराने की बात कहते हुए बैंक ने यहां आयोजित बैठक में कहा कि आर्थिक संकट मानवीय और विकास संबंधी आपदा में तब्दील हो रहा है।

बैंक ने कहा कि यह संकट इस वर्ष अब तक पांच करोड़ लोगों को चपेट में ले चुका है। विश्व बैंक के प्रमुख रॉबर्ट जोल्लिक ने कहा, "दुनिया अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रही है जिसका सबसे बुरा असर गरीब लोगों पर पड़ेगा। हमें इसे मानवीय त्रासदी में बदलने से रोकने के लिए काम करना होगा।"

विश्व बैंक की विकास समिति ने कहा कि ऐसा सुनिश्चित करने के लिए इसके सभी हिस्सेदारों को पारदर्शी ढंग से मिलजुलकर काम करना होगा। भारत का पक्ष रखते हुए आर्थिक मामलों के सचिव अशोक चावला ने कहा, "वैश्विक अर्थव्यवस्था के बदलते गणित में विकासशील देशों का वजन बढ़ रहा है और उसे विश्व बैंक के प्रशासनिक ढांचे में भी दिखाई देना चाहिए।"

बैठक के समापन पर जारी एक वक्तव्य में कहा गया, "संकट से निपटने के लिए बहुपक्षीय प्रयासों की जरूरत है और इसके लिए जरूरी है कि विकासशील देशों को पर्याप्त भागीदारी का अवसर दिया जाए।"

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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