वामपंथियों के गढ़ में सोनिया व ममता की हुंकार (राउंडअप)
सोनिया ने पश्चिम बंगाल की वामपंथी सरकार पर लोकतंत्र के नाम पर तानाशाही का शासन चलाने का आरोप लगाते हुए राज्य के गरीबों व अल्पसंख्यकों की ताजा स्थिति पर चिंता जताई। विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी के समर्थन में मुर्शिदाबाद जिले के जांगीपुर संसदीय क्षेत्र के लालगोला में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए सोनिया ने कहा, "राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) के तहत गरीबों को जॉब कार्ड उपलब्ध न कराया जाना बेहद शार्मिदगी का विषय है।"
नंदीग्राम और सिंगुर की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, "वामपंथी नेता खुद को गरीबों और कामगारों का मसीहा बताते हैं। हम सब जानते हैं कि नंदीग्राम और सिंगुर में अपनी जमीन बचाने के लिए लोगों को क्या-क्या जुल्म सहने पड़े। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जब पीड़ितों को आवाज देने की कोशिश की तो उन पर लाठियां तक बरसाई गईं।"
वाम दलों पर हमला करते हुए सोनिया ने कहा, "वामपंथी दल लोकतंत्र के नाम पर यहां अपनी तानाशाही चला रहे हैं।"
सोनिया ने एक अन्य रैली में तीसरे व चौथे मोर्चे को उसके नेताओं के प्रधानमंत्री बनने की व्यक्तिगत महत्वकांक्षा की उपज करार देते हुए कहा कि ये मोर्चे बगैर किसी मुद्दे और सिद्धांत पर आधारित है।
उन्होंने कहा, "यह ताजा फैशन है। हर कोई प्रधानमंत्री बनना चाहता है।"
पश्चिम बंगाल के लालगोला और शमसी की रैलियों में सोनिया ने ममता के साथ एक मंच पर नजर आई। लगभग आठ वर्षो के बाद दोनों नेता एक साथ एक मंच पर नजर आईं।
तृणमूल कांग्रेस से चुनाव पूर्व हुए गठबंधन पर प्रसन्नता जताते हुए सोनिया ने कहा, "हमें बेहद खुशी है कि तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी एक बार फिर हमारे साथ हैं।"
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने उधर जम्मू एवं कश्मीर में कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) भय और बंटवारे की राजनीति करता है जबकि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) प्यार, दोस्ती और भविष्य की राजनीति करता है।
अनंतनाग में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव ने कहा, "मैं आज यहां किसी राजनेता के रूप में नहीं बल्कि एक युवा के रूप में आया हूं जो जम्मू एवं कश्मीर के युवाओं की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाना चाहता है।"
उन्होंने कहा, "इस बार न तो आप लोगों को नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) को अपना वोट देना है और न ही पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को। आपको प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी में से किसी एक को चुनना है।"
राहुल ने कहा कि संप्रग सभी को विकास के रास्ते पर ले चलने की बात करता है और राजग चुनिंदा लोगों के विकास की बात करता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।