एक और चुनाव के लिए तैयार है गरीबी से ग्रस्त पुरुलिया
पुरुलिया (पश्चिम बंगाल), 27 अप्रैल (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में रिक्शा चलाने वाले शेख बबुआ (57) के लिए लोकसभा चुनाव का कोई महत्व नहीं है। उनका मानना है कि चाहे कोई भी सत्ता में आए उनकी स्थिति नहीं बदलने वाली हालांकि अपने मताधिकार को लेकर प्रतिबद्ध हैं।
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी द्वारा उड़ीसा के कालाहांडी और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके से तुलना किए जाने के बाद पुरुलिया एक बार फिर चर्चा में है।
बबुआ के मन में अभी भी उम्मीदें शेष हैं और उन्हें लगता है कि क्षेत्र में विकास होगा। वह कहते हैं, "हर चुनाव से पहले नेता वादों का अंबार लगा देते हैं लेकिन एक बार चुनाव हो जाने के बाद हम आम लोग खाली हाथ रह जाते हैं। चाहे कोई भी सत्ता में आए हमें न तो कोई रोजगार देता है और न ही सामान्य सुविधाएं।"
बबुआ ने आईएएनएस के संवाददाता से कहा, "हमारे लोग भूख से मर रहे हैं। रोजगार के अवसर नहीं हैं, हमारे बच्चों के लिए शिक्षा की सुविधा नहीं है।"
बबुआ की बात को आवाज देते हुए राहुल ने शुक्रवार को एक चुनाव रैली में कहा, "यहां शिक्षा का स्तर बहुत नीचे है। स्वास्थ्य सुविधाओं का अता पता नहीं है। नक्सली सक्रिय हैं। ऐसा लगता है कि वाम दलों की सरकार आपको भूल ही गई है।"
वर्तमान में फारवर्ड ब्लॉक के नरहरि महतो पुरुलिया से सांसद हैं। जिले के अर्शा विधानसभा क्षेत्र से विधायक फारवर्ड ब्लॉक के प्रभात महतो ने बताया कि जिले में 129 गांव पिछड़ी अवस्था में हैं जबकि झालदा-2 ब्लॉक महिला शिक्षा में देश में अंतिम स्थान पर आता है।
यद्यपि उन्होंने कहा कि जिंदल ग्रुप, बालाजी ग्रुप, श्याम स्टील ये तीन प्रमुख स्टील के कारोबारी क्षेत्र में अपने संयंत्र लगाने वाले हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।