सेना ने की और क्षेत्रों पर कब्जा, संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी कोलंबो पहुंचे (लीड-2)
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि 58वीं डिविजन के जवानों ने मुल्लइतिवु जिले में 'नो फायर जोन' में स्थित लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के कब्जे वाले तटीय गांव वालायारमदाम पर अधिकार कर लिया है।
बयान के अनुसार सैनिकों ने इस गांव पर रविवार सुबह अधिकार किया और 500 लोगों को सुरक्षित बचाया। वालायारमदाम लिट्टे के अंतिम ठिकाने वेलामुल्लिवइक्कल से केवल छह किलोमीटर दूर है।
सोमवार से अब तक 110,000 लोग युद्ध क्षेत्र से सरकार के नियंत्रण वाले इलाके में आ चुके हैं। इससे आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों की कुल संख्या 180,000 हो चुकी है।
होम्स शनिवार रात कोलंबो पहुंचे। अपनी दो दिन की यात्रा में वह शरणार्थी शिविरों का दौरा करेंगे।
होम्स ने कहा कि युद्ध क्षेत्र में फंसे लोगों को सुरक्षित बचाना सर्वोच्च प्राथमिकता है।
श्रीलंकाई विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि होम्स की यात्रा के केंद्र में युद्ध वाले इलाकों में फंसे नागरिक होंगे। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने श्रीलंकाई सरकार से कहा था कि वह संयुक्त राष्ट्र कर्मियों को युद्ध वाले इलाकों में जाने की इजाजत दे।
लिट्टे के कब्जे वाले इलाकों से बाहर निकले हजारों नागरिक शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं। माना जा रहा है कि अभी भी 50,000 से अधिक नागरिक लिट्टे के कब्जे वाले इलाकों में फंसे हुए हैं।
उधर, होम्स के साथ मुलाकात के दौरान श्रीलंका के मानवाधिकार मंत्री महिंदा समारासिंघे ने उम्मीद जताई कि युद्ध खत्म होने के बाद संयुक्त राष्ट्र नागरिकों के पुनर्वास में पूरी मदद करेगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।