अंतिम सांस तक लड़ूंगाः प्रभाकरन
श्रीलंकाई सेना देश के पूर्वोत्तर इलाके में लिट्टे के अंतिम ठिकानों की ओर बढ़ रही है। ऐसे हालात में अपने साथियों का मनोबल बढ़ाते हुए प्रभाकरन ने कहा कि वह उनके साथ हैं और अंतिम दम तक लड़ेगे।
सेना के कमांडर ब्रिगेडियर शेवेंद्र सिल्वा ने दो दिन पहले आत्मसमर्पण करने वाले लिट्टे के नेता दया मास्टर के बयान के हवाले से बताया था कि प्रभाकरन पनडुब्बी के सहारे देश से भाग सकता है।
सेना के अधिकारियों ने बताय कि मानव रहित विमानों (यूएवी) से लिट्टे की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। साथ ही उन इलाकों पर विशेष चौकसी बरती जा रही है जहां प्रभाकरन के छुपे होने की आशंका है।
सेना के मुताबिक लिट्टे के कब्जे वाले इलाकों से अब तक लगभग 106,000 नागरिक बाहर निकाले जा चुके हैं। उनके अनुसार यह अभी नहीं पता है कि कितने नागरिक अभी भी तमिल विद्रोहियों के साथ फंसे हुए हैं।
इसी बीच, भारत के विदेश सचिव शिवशंकर मेनन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम. के. नारायणन श्रीलंका की मौजूदा हालत पर राष्ट्रपति मंहिदा राजपक्षे से चर्चा करने के लिए शुक्रवार को कोलंबो पहुंचे। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने भी श्रीलंका की स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए लिट्टे से हथियार डालने की अपील की है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।