आकृति मामले में आगे आयीं रेणुका चौधरी
बारहवीं कक्षा की छात्रा आकृति को सोमवार को स्कूल में अचानक सांस लेने में दिक्कत होने लगी। स्कूल प्रशासन ने अभिभावकों को सूचना दी और उनके पहुंचने पर उसे अस्पताल ले गये, जहां चिकित्सकों ने आकृति को मृत घोषित कर दिया। इस पूरे प्रकरण में आकृति के अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन को दोषी ठहराया है।
आकृति की मौत के बाद अभिभावकों ने स्कूल के सामने प्रदर्शन किया और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। यही नहीं वसंत विहार थाने में स्कूल प्रशासन के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज करायी गई। अभिभावकों के अलावा स्कूल के बच्चों ने भी काली शर्ट पहन कर हाथ में मोमबत्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
अचानक स्कूल बंद
आकृति की मौत के बाद अचानक बिना कोई नोटिस दिये प्रशासन ने स्कूल बंद कर दिया। इस कारण स्कूल के अन्य बच्चों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन इस बंद ने खुद स्कूल प्रशासन की परेशानी कई गुना बढ़ा दी। जी हां महिला एवं बाल कल्याण मंत्री रेणुका चौधरी अब इस मामले में आगे आ गईं हैं। रेणुका चौधरी ने शुक्रवार शाम बाल कल्याण आयोग के साथ एक बैठक बुलायी है। इसके अलावा उन्होंने एक जांच कमेटी गठित कर तीन दिन में मामले की रिपोर्ट मांगी है।
अस्थमा रोगी थी आकृति
आकृति अस्थमा की मरीज थी और उसे इस प्रकार के दौरे कई बार पड़ चुके थे। सोमवार को भी यही हुआ। स्कूल में उसे अचानक अस्थमा का दौरा पड़ा और उसे सांस लेने में कठिनाई होने लगी। लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई। आकृति के परिजनों ने स्कूल पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।
परिजनों का कहना है कि जब उसकी तबियत खराब हुई थी, तब उन्होंने स्कूल प्रशासन से फोन पर कहा था कि उसे घर भेज दें, लेकिन स्कूल ने ऐसा नहीं किया। उसे वहीं ऑक्सीजन का मास्क लगाकर रखा। यही नहीं अस्पताल ले जाते समय उसके मुंह से ऑक्सीजन मास्क भी हटा दिया गया। वहीं स्कूल प्रशासन का कहना है कि आकृति को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, इसलिए मास्क हटाया गया।