कंधार मामले में आतंकियों को छोड़ने का निर्णय पीड़ादायक था : यशवंत सिन्हा
सिन्हा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "इस मुद्दे पर कैबिनेट में स्वतंत्र और स्पष्ट चर्चा हुई थी। हमारे पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। हमें दो बुरे विकल्पों के बीच किसी एक को चुनना था। हमने अपेक्षाकृत कम बुरा विकल्प चुना।"
सिन्हा तत्कालीन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में वित्त मंत्री थे।
सिन्हा के अनुसार इस मुद्दे पर कैबिनेट की बैठक के अलावा आतंकवाद पर बनी कैबिनेट कमेटी की भी बैठक हुई थी।
उन्होंने आगे कहा, "तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक लोकतांत्रिक सरकार का नेतृत्व कर रहे थे। उस गंभीर मुद्दे पर एक आमराय सामने आई थी। देश में भी वही आमराय थी कि सरकार को हर हाल में बंधक बनाए गए यात्रियों को सकुशल वापस लाना चाहिए। यहां तक कि विपक्षी पार्टियों ने भी यही राग अलापा था।"
सिन्हा ने उस निर्णय को पीड़ादायक तो बताया लेकिन उन्होंने लगे हाथ तत्कालीन विपक्ष को इस मुद्दे पर चुनौती भी दे डाली। उन्होंने कहा, "यदि आज उनके पास साहस हो तो वे यह कहें कि हमें 166 यात्रियों को मरने के लिए छोड़ देना चाहिए था।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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