लोगों को युद्ध क्षेत्र से निकालने में संयुक्त राष्ट्र को विश्वास में ले श्रीलंका : भारत (लीड-1)

By Staff
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विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि श्रीलंका से यह भी कहा गया है कि वह भारत से भेजी गई राहत सामग्री का वितरण रेडक्रास जैसी संस्थाओं के माध्यम से करे।

कोलकाता प्रेस क्लब में 'प्रेस से मिलिए' कार्यक्रम में मुखर्जी ने कहा,"हमने श्रीलंका के अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे जो भी करें उस संदर्भ में अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं खासकर संयुक्त राष्ट्र को भरोसे में लें। इसलिए वहां मानवीय स्वतंत्रता या मानव अधिकारों का कोई उल्लंघन नहीं है।"

नागरिकों को सुरक्षित इलाकों तक पहुंचने के बारे में भारत के रुख के बारे में पूछे जाने पर मुखर्जी ने कहा कि नागरिकों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने में संयुक्त राष्ट्र और जो देश मदद करना चाहते हैं, उनको इसकी अनुमति देनी चाहिए और इस संबंध में सभी सुविधाएं भी उपलब्ध करानी चाहिए।

भारत के रुख को स्पष्ट करने पर जोर देने पर मुखर्जी ने कहा,"आतंकवादियों के साथ हमारी कोई सहानुभूति नहीं है लेकिन नागरिकों के प्रति हमारी पूरी सहानुभूति है। हम सभी नागरिकों को निकालना चाहते हैं।"

मुखर्जी ने कहा कि युद्ध क्षेत्र में अभी भी फंसे लोगों की संख्या में बारे में सरकार को विरोधाभासी आंकड़ें मिले हैं।

"श्रीलंका सरकार कह रही है कि वहां अभी 10,000 से 15,000 नागरिक हैं। परंतु संयुक्त राष्ट्र का दावा है कि युद्ध क्षेद्ध में 30,000 से 40,000 नागरिक फंसे हैं।"

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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