गरीबी और गरीब के मुद्दे पर नेताओं में खिचीं तलवारें (राउंडअप)
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने बालाघाट और पिपरिया की जनसभाओं में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार को गरीबों और किसानों का हमदर्द बताया। उन्होंने कहा कि एक तरफ उनकी सरकार ने किसानों के कर्ज माफ किए है तो दूसरी ओर गरीबों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय रोजगार योजना को कानून का दर्जा दिया है। इसके चलते साल भर में कम से कम 100 दिन के रोजगार की गारंटी तो हो ही गई है। उन्होंने विपक्षियों पर आरोप लगाया कि उन्हें गरीबों की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है। यही वजह है कि वे इसकी चर्चा नहीं करते और आतंकवाद जैसे मुद्दों को उछाले जा रहे हैं।
उधर, भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने केन्द्र की सरकार को गरीब विरोधी करार दिया और कहा कि उसकी नीतियों के चलते महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ कर रख दी है। रीवा के बैकुन्ठपुर में जनसभा में राजनाथ सिंह ने अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल की याद दिलाई और कहा कि उस दौर में आम आदमी के उपयोग की आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर लगाम कसी हुई थी। इसके विपरीत यह सरकार महंगाई को रोक पाने में नाकाम रही है।
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मुरैना में गरीबी के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि यह दोनों दल उद्योगपतियों के इशारे पर देश की आर्थिक नीति बनाते है जिसका खामियाजा गरीबों को भुगतना पडता है। कांग्रेस के नेता गरीबों के घर में जाकर नौटंकी करते है, अगर वे इनके हित की नीतियां बनाते तो आज यह हालत ही नहीं होती।
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने सतना में रोड शो और खजुराहो के सरवई में आयोजित सभा में केन्द्र सरकार पर जमकर हमले बोले। उन्होंने कहा कि महंगाई के कारण आम आदमी की थाली से दाल और रोटी नदारद हो गई है। इस सरकार की नीतियां गरीबों को और गरीब बना देने वाली है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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