भारत को एडमिरल गोर्शकोव की आपूर्ति 2012 तक
समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती के अनुसार रूस यूनाइटेड शिपबिल्डिंग कारपोरेशन के अध्यक्ष व्लादिमीर पाकोमोव ने मंगलवार को 'व्रेम्या नोवोस्तेई' अखबार में प्रकाशित एक साक्षात्कार में कहा कि भारत के साथ हुए एक समझौते के तहत विमानवाहक पोत की आपूर्ति वर्ष 2012 तक होगी। वर्तमान समय में करीब 2,000 उच्च कुशल कर्मचारी पोत की मरम्मत के काम में लगे हैं।
उन्होंने कहा,"हम कर्मचारियों की संख्या को बढ़ाएंगे और काम को तेज करेंगे। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि गुणवत्ता प्रभावित न हो। परियोजना के लिए अतिरिक्त धन की उपलब्धतता के लिए हम भारतीय अधिकारियों से लगातार वार्ता कर रहे हैं।"
वर्ष 2004 में हुए 1.5 अरब डॉलर के एक समझौते के तहत रूस को विमानवाहक पोत की मरम्मत करके इसे 2008 में भारत को सौंपना था। बाद में रूस ने कहा कि उसने मरम्मत की लागत का कम अनुमान लगाया था और अतिरिक्त 1.2 अरब डॉलर की मांग की। भारत ने इसे काफी अधिक बताया।
एडमिरल गोर्शकोव का नया नाम आईएनएस विक्रमादित्य होगा और यह विमानवाहक पोत आईएनएस विराट के स्थान पर तैनात होगा जो अब 50 वर्ष पुराना हो चुका है। उम्मीद है कि मरम्मत के बाद गोर्शकोव अगले 30 वर्षो तक सेवा में रहेगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।