जासूसी उपग्रह रीसैट-2 कक्षा में स्थापित (लीड-2)
श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश), 20 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के जासूसी उपग्रह (रीसैट-2) के सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित होने के साथ ही देश के रक्षा इतिहास में एक और अध्याय जुड़ गया।
लगभग 300 किलोग्राम वजन वाले रीसैट-2 को सोमवार सुबह करीब 6.15 बजे 'पोलर सैटेलाइट लांच वेहिकल' (पीएसएलवी) के जरिए प्रक्षेपित किया गया। इसके अलावा शिक्षा उपग्रह अनुसैट (40 किलोग्राम) का भी सफल प्रक्षेपण किया गया।
प्रक्षेपण के तत्काल बाद बेंगलुरू स्थित अंतरिक्ष यान नियंत्रण केंद्र ने बेंगलुरू, लखनऊ, मॉरीशस और अन्य स्थानों के आईएसटीआरएसी नेटवर्क की मदद से दोनों उपग्रहों की निगरानी शुरू कर दी।
रीसैट को इजरायल की मदद से तैयार किया गया है। इसकी खूबी यह है कि यह रात, दिन, कोहरे, बरसात या आसमान में बादल होने के बावजूद तस्वीरें खींच सकता है। इसकी मदद से पड़ोसी देशों पाकिस्तान और अफगानिस्तान के पर्वतीय इलाकों पर नजर रखने में मदद मिलेगी।
इस उपग्रह के प्रक्षेपण के साथ ही भारत दुनिया के कुछ चुनिंदा देशों जैसे कनाडा, इजरायल और जापान की फेहरिस्त में शामिल हो गया है जिनके पास जासूसी उपग्रह हैं।
इसरो के अध्यक्ष जी. माधवन नायर ने कहा, "यह देश के लिए नए साल का बेहतरीन तोहफा है। हम बहुत खुश हैं। दोनों ही उपग्रह को कक्षा में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर दिए गए।"
अनुसैट को अन्ना विश्वविद्यालय की ओर से तैयार किया गया है। यह संदेशों को इकट्ठा कर भेजने का काम करेगा।
माधवन ने कहा कि वर्ष 2009 इसरो के लिए बहुत विशेष होने जा रहा है। इस साल रिसोर्ससैट, ओसियनसैट और कई अन्य उपग्रहों का प्रक्षेपण किया जाएगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।