आतंकवाद के मुद्दे पर भाजपा बोलती कुछ है और करती कुछ है : प्रधानमंत्री
गुवाहाटी से सटे अमीनगांव में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "भाजपा जो कहती है और जो करती है, उसमें बहुत अंतर होता है। मुंबई हमले के बाद की परिस्थिति को हमने बहुत दृढ़ता से संभाला और उसका सामना किया लेकिन हम आपसे पूछना चाहते हैं कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के शासन के दौरान भाजपा ने क्या कभी ऐसा साहसिक कदम उठाया। यह उनकी कथनी और करने के फर्क को दर्शाता है।"
भाजपा पर साम्प्रदायिकता की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "देश में कुछ ऐसे भी राजनीतिक दल हैं जो देश को धर्म और सम्प्रदाय के नाम पर बांटने की राजनीति करते हैं। हमें ऐसे दलों से बचना है। ऐसे राजनीतिक दलों को सत्ता में आने से हमें रोकना है।"
उन्होंने कहा कि देश में कांग्रेस ही एकमात्र ऐसी राजनीतिक पार्टी है जो धर्मनिरपेक्षता के रास्ते पर चलती है।
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट आफ असम (उल्फा) से मुख्यधारा में लौटने की अपील भी की।
उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं उल्फा हिंसा का रास्ता छोड़ हमसे शांतिवार्ता करे। वार्ता के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं। उल्फा के उस वर्ग के फैसले का मैं स्वागत करता हूं जिसने संघर्षविराम का एलान कर शांति प्रक्रिया में हिस्सा लिया है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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