स्कूली बच्ची का शव परिजनों को सुपुर्द (लीड-1)
पुलिस उपायुक्त (बाहरी दिल्ली) अतुल कटियार ने आईएएनएस को बताया "अध्यापिका फरार नहीं है। हम उससे पूछताछ कर रहे हैं। लेकिन उसने बच्ची को कोई दंड देने से इंकार किया है। हम मामले की जांच कर रहे हैं। लेकिन अभी तक इसमें कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है। हम पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।"
पुलिस सूत्रों ने कहा, "प्रारंभिक चिकित्सकीय रिपोर्ट में पीड़ित के शरीर में किसी भी तरह के चोट का निशान नहीं पाया गया है।"
उत्तरी दिल्ली के नरेला के दिल्ली नगर निगम के प्राथमिक स्कूल की अध्यापिका मंजु द्वारा एक घंटे तक धूप में खड़े करने के कारण शन्नो बुधवार को कोमा में चली गई थी। शन्नो की हालत बिगड़ने के बाद गुरुवार शाम को उसे लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में भर्ती कराया गया। शुक्रवार दोपहर बाद उसकी मौत हो गई।
घटना के बाद अध्यापिका पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। अध्यापिका ने शुक्रवार को नरेला के उप शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर खुद को निर्दोष बताया। दिल्ली नगर निगम ने अध्यापिका और प्रधानाध्यापक को गुरुवार को ही निलंबित कर दिया था।
पुलिस ने शन्नो का शव शनिवार को उसके परिजनों को सौंप दिया। उसके बाद स्थानीय नागरिकों ने विरोध प्रदर्शन आयोजित किया और कुछ वाहनों को क्षति पहुंचाया। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया।
बाहरी जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "हम पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं ताकि मौत के सही कारणों का पता चल सके। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का विश्लेषण करने के बाद हम कार्रवाई करेंगे।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।