राहुल गांधी और अमर सिंह के निशाने पर रहीं मायावती (राउंडअप)
अमेठी के तिलोई में शनिवार को एक चुनावी रैली में राहुल गांधी ने कहा कि राज्य सरकार रायबरेली और अमेठी को फिर से पीछे धकेलना चाहती है। वह नहीं चाहती है कि यहां विकास हो।
पुराने दिनों को याद करते हुए राहुल ने कहा कि जब उनके पिता राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तो वह दोनों हाथों से विकास करते थे। क्योंकि उस समय केंद्र के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार हुआ करती थी। लेकिन वर्तमान समय में राज्य में कांग्रेस की सरकार न होने के कारण मैं केवल एक ही हाथ से विकास कर पा रहा हूं। उन्होंने ने कहा कि तीन साल बाद राज्य में कांग्रेस की सरकार लाने के लिए वह हर संभव प्रयास करेंगे।
उधर बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि देश की आजादी के बाद से देश और प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने सबसे ज्यादा राज किया है। लेकिन इस पार्टी गरीबों, पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों के सामाजिक उत्थान के लिए कुछ नहीं किया। उनकी हालत जस की तस है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता अब कांग्रेस के झांसे में नहीं आने वाली है।
मायावती ने कहा कि बसपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो सर्वसमाज को साथ लेकर चलती हैं और सबको बराबरी का हक देती हैं। उन्होंने कहा कि बसपा ने लोकसभा के टिकट बंटवारे में भी सर्वसमाज का ध्यान रखा है।
भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) नेता एवं पटना साहिब से पार्टी के उम्मीदवार शत्रुघ्न सिंहा ने शनिवार को कानपुर में एक चुनावी रैली में कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस सरकार आतंकवाद को रोकने में विफल रही है। आज देश में हर व्यक्ति असुरक्षित महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा ही एक ऐसी पार्टी है जो देश को सुरक्षित रख सकती है और आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठा सकती है।
समाजवादी पार्टी (सपा) महासचिव अमर सिंह ने उत्तर प्रदेश के मायावती सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि इस सरकार में राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना संभव ही नहीं है। शनिवार को लखनऊ में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने आरोप लगाया कि सचिवालय(राज्य सरकार) के नौ प्रशासनिक अधिकारी बसपा कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे हैं। ये अधिकारी प्रदेश के सभी जिलों के अधिकारियों पर सपा को हराने और बसपा को जिताने के लिए दबाव बना रहे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।