श्रीनगर में फारुक अब्दुल्ला को बहन से मिल रही है चुनौती
नेशनल कांफ्रेंस की परंपरागत सीट मानी जाने वाली श्रीनगर लोकसभा सीट पर सात मई को होने वाले मतदान के लिए त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना है।
विपक्षी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने प्रमुख शिया नेता इफ्तिखार हुसैन अंसारी को मैदान में उतारा है। इस कारण शिया वोटों के बंटवारे की संभावना है।
दूसरी ओर अब्दुल्ला की बड़ी बहन खालिदा ने श्रीनगर सीट से नामांकन दाखिल कर मामले को और पेंचीदा बना दिया है। खालिदा और अंसारी ने शनिवार को अपना नामांकन दाखिल किया।
खालिदा ने अवामी नेशनल कांफ्रेंस (एएनसी) के टिकट पर अपना नामांकन दाखिल किया है। इस पार्टी का गठन खालिदा के पति दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री जी.एम.शाह ने नेशनल कांफ्रेंस छोड़ने के बाद किया था।
लेकिन खालिदा और अंसारी दोनों की राह आसान नहीं है। फारुक अब्दुल्ला कभी भी चुनाव नहीं हारे हैं। लोकसभा के लिए यह उनका दूसरा प्रयास है। वर्ष 1980 में वह श्रीनगर से निर्विरोध चुने गए थे।
दरअसल, भाई व बहन के बीच का विवाद 25 साल पुराना है। दिवंगत शाह ने वर्ष 1984 में अपने साले फारुक अब्दुल्ला की सरकार को गिरा दिया था। शाह ने नेशनल कांफ्रेंस के 12 विधायकों को अपने साथ मिलाकर कांग्रेस के समर्थन से सरकार बना ली थी।
लेकिन इस बार कांग्रेस नेशनल कांफ्रेंस का समर्थन कर रही है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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