नक्सल प्रभावित इलाकों में बाद के चरणों में चुनाव कराना आत्मघाती होता : गोपालास्वामी
नई दिल्ली, 18 अप्रैल(आईएएनएस)। मुख्य चुनाव आयुक्त एऩ गोपालास्वामी ने लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में नक्सलवाद से सर्वाधिक प्रभावित कुछ इलाकों को शामिल करने के अपने फैसले का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि इन इलाकों में अगले चरण में मतदान कराना आत्मघाती साबित होता।
गोपालास्वामी ने आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में कहा, "हमने इस मसले पर पूरी सावधानी बरती है। अगर नक्सलवाद से सर्वाधिक प्रभावित इन इलाकों में मतदान अगले चरण में कराया जाता तो इसके ज्यादा भयावह परिणाम सामने आते। ऐसी स्थिति में हमारे सुरक्षा बल आसान निशाना बन जाते।"
बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, महाराष्ट्र में प्रथम चरण के मतदान के दौरान नक्सली हिंसा में कम से कम 19 लोगों की मौत हुई। उन्होंने कहा, "यह तर्क पूरी तरह बेमानी है कि इन इलाकों में प्रथम चरण में मतदान कराने से परहेज करना चाहिए था।"
गोपालास्वामी ने कहा कि प्रथम चरण के मतदान के लिए सुरक्षा बलों के जवान करीब तीन सप्ताह पहले से ही तैयार थे। उन्होंने कहा कि बाद के चरणों के लिए सुरक्षा बलों को अपनी तैयारी के लिए इतनी मोहलत नहीं मिल पाती। वह कहते हैं, "विशेष सावधानी बरतते हुए हमने प्रथम चरण के मतदान के लिए कम संसदीय सीटों का चयन किया।"
1966 बैच के आईएएस अधिकारी गोपालास्वामी को इसका मलाल नहीं है कि उन्हें चुनाव संपन्न होने से पहले ही सेवानिवृत्त होना पड़ रहा है। वह सोमवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। वह कहते हैं, "आयोग अपनी जिम्मेदारी का वहन करने में पूरी तरह सक्षम है। मुझे बीच में ही सेवानिवृत्त होने का मलाल नहीं है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
**