मप्र में 52 'राम' चुनावी मैदान में!
भोपाल, 18 अप्रैल (आईएएनएस)। इस बार के लोकसभा चुनाव में राम और राम मंदिर भले ही चुनावी मुद्दा न हो मगर मध्य प्रदेश में 54 राम चुनाव मैदान में ताल ठोंके हुए हैं। प्रदेश के 29 संसदीय क्षेत्रों में 52 ऐसे लोग चुनाव लड़ रहे हैं जिनके नाम में राम है।
मध्य प्रदेश में 23 और 30 अप्रैल को मतदान होना है। 23 अप्रैल को जहां 13 संसदीय क्षेत्रों के भाग्य का फैसला हो जाएगा वहीं 30 अप्रैल को 16 क्षेत्रों में मतदान होगा। प्रदेश में इस बार कुल 429 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार सभी संसदीय क्षेत्रों में है तो कांग्रेस 28 क्षेत्रों में ही मुकाबले में है।
प्रदेश में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों में 52 ऐसे हैं जिनके नाम में आगे या पीछे राम है। दलगत आधार पर देखें तो सबसे ज्यादा राम नाम के उम्मीदवार कांग्रेस के हैं जो चार संसदीय क्षेत्रों बैतूल से ओझा राम, जबलपुर से रामेश्वर नीखरा, मुरैना से राम निवास रावत और खरगोन से बाला राम बच्चन किस्मत आजमा रहे हैं।
भाजपा ने होशंगाबाद से राम पाल, बहुजन समाज पार्टी ने बैतूल से रामा और समाजवादी पार्टी (सपा) ने सतना से राजा राम त्रिपाठी को चुनाव मैदान में उतारा है। इस तरह देखा जाए तो राम नाम के उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारने के मामले में कांग्रेस भाजपा से कहीं आगे है।
प्रदेश के तमाम संसदीय क्षेत्रों पर नजर दौड़ाई जाए तो पता चलता है कि राम नाम के सबसे ज्यादा सात उम्मीदवार हाई प्रोफाइल क्षेत्र छिंदवाड़ा से हैं। इसके अलावा राम नाम के चार उम्मीदवार मुरैना, तीन तीन, बैतूल, टीकमगढ़, दमोह, देवास, सतना और खरगोन से चुनाव मैदान में हैं।
इसी तरह होशंगाबाद, रीवा, खजुराहो, भोपाल, ग्वालियर, इन्दौर से दो-दो ऐसे उम्मीदवार हैं जिनका नाम राम पर है। भिन्ड, गुना, सागर, मंदसौर, रतलाम, धार, शहडोल, सीधी, बालाघाट, विदिशा, जबलपुर ऐसे संसदीय क्षेत्र हैं जहां राम नाम का एक-एक उम्मीदवार ही है।
राज्य के 29 संसदीय क्षेत्रों में राजगढ़, उज्जैन, खंडवा और मंडला ही ऐसे क्षेत्र हैं जहां एक भी उम्मीदवार के नाम में आगे अथवा पीछे राम नहीं है। इस तरह प्रदेश के 25 संसदीय क्षेत्रों में राम नाम के उम्मीदवार भाग्य आजमाने वालों में शामिल हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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